
Joe Root losing natural game in Bazball era: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक का मानना है कि अनुभवी बल्लेबाज जो रूट भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में अपने स्वाभाविक खेल से दूर हो रहे हैं. कुक का कहना है कि कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैक्कुलम की ‘बैजबॉल’ योजना में फिट होने की बेताबी के कारण रूट के साथ ऐसा हुआ है.
इंग्लैंड के बल्लेबाज पिछले कुछ समय से बहुत ही आक्रामक शैली में खेलते हैं, जो उनके मुख्य कोच ब्रैंडन मैक्कुलम के खेलने के तरीके से जुड़ा है, ‘बैज’ मैक्कुलम का उपनाम है. कुक की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम ने 2012 में भारत में टेस्ट सीरीज जीती थी. इसके बाद कोई भी विदेशी टीम भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी है.
कुक ने कहा कि रूट दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में हर गेंद पर प्रहार करना चाहते थे, वह 10 गेंदों में 16 रनों की पारी में कभी सहज नहीं दिखे.
इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन (12,472) बनाने वाले कुक ने ‘टीएनटी स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘वह सभी प्रारूपों में इंग्लैंड का अब तक के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं. लेकिन वह इस ‘बैजबॉल’ युग की खेल की गति के साथ कभी-कभी संघर्ष करते हैं.’
कुक ने कहा, ‘वह टीम के दूसरे खिलाड़ियों को आक्रामक शॉट खेलते हुए देखते हैं, जो उन खिलाड़ियों की शैली के अनुरूप है. रूट ने टेस्ट में 11,500 से ज्यादा रन बनाए हैं. वह शानदार हैं. बेन (स्टोक्स) और ब्रेंडन (मैक्कुलम) जो कर रहे हैं उसमें जगह बनाने की बेताबी में कभी-कभी वह आक्रामक और रक्षात्मक खेल का सही संतुलन नहीं बना पा रहे हैं.’
कुक चाहते हैं कि रूट अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अपनी स्वाभाविक गति से खेलें. उन्होंने कहा, ‘वह 9 गेंदों पर 16 रनों पर थे और वह आम तौर पर इतनी तेजी से बल्लेबाजी नहीं करते हैं. वह आम तौर पर 75 या 80 के बीच स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हैं. इसमें जोखम बेहद कम होता है. टेस्ट मैच में यह स्ट्राइक-रेट भी काफी अधिक है.’