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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का मानना है कि ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के आंकड़े कमाल के हैं, लेकिन हरभजन सिंह को अपने समय में ज्यादा जिम्मेदारी उठानी पड़ती थी, क्योंकि उन्हें तेज गेंदबाजों का साथ उस तरह नहीं मिलता था जैसे अश्विन को मिल रहा है. अश्विन ने हाल ही में 54 टेस्ट मैच में 300 विकेट लेकर डेनिस लिली का रिकॉर्ड तोड़ा था.
हरभजन को तेज गेंदबाजों का साथ नहीं मिला
हेडन ने अपने समय में हरभजन का सामना किया है और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने अश्विन की गेंदबाजी को करीब से देखा है. हेडन ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे लगता है कि आंकड़े हमेशा सच नहीं बोलते, लेकिन अश्विन की उपलब्धि उनके लिए उल्लेखनीय सम्मान की भावना जगाती है, जिन्होंने सबसे तेजी से 300 विकेट लिये हैं.
'महान खिलाड़ी बनने की राह पर अश्विन'
अगर अश्विन पांच साल और क्रिकेट खेलते हैं, तो वह अपने जमाने के महान खिलाड़ी के तौर पर जाने जाएंगे. उनकी कौशल क्षमता हरभजन की तरह कमाल की है, लेकिन वह हरभजन की तरह आक्रामक गेंदबाज नहीं है.’ उन्होंने दोनों गेंदबाजों की तुलना गेंदबाजी आक्रमण में उन्हें मिले साथ को लेकर किया. हेडन ने कहा, ‘अश्विन को हरभजन की तरह आक्रामक होने की जरूरत भी नहीं. हमारे समय के मुकाबले मौजूदा टीम में तेज गेंदबाजों से बेहतर साथ मिलने से उनकी भूमिका अच्छी तरह से परिभाषित है.'
'वेंकटेश प्रसाद अच्छे टेस्ट गेंदबाज नहीं थे'
टीम में भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाज हैं. इनके अलावा जडेजा टीम के दूसरे स्पिनर हैं, इसलिए अश्विन अपनी भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहे.' उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है हरभजन अपने समय में ज्यादा प्रभावशाली गेंदबाज थे खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगर वह विकेट नहीं लेते थे तो टीम मुश्किल में रहती थी. मुझे नहीं लगता कि वेंकटेश प्रसाद अच्छे टेस्ट गेंदबाज थे. हरभजन अकेले रोलमेकर थे.'
'जहीर खान और श्रीनाथ खतरनाक गेंदबाज नहीं रहे'
हेडन ने कहा, ‘ जहीर खान और जवागल श्रीनाथ को सम्मान के साथ मैं कहना चाहूंगा कि वे आज के दौर के गेंदबाजों की तरह खतरनाक नहीं थे.' इस मौके पर विराट कोहली की तुलना स्टीव स्मिथ से किए जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों अपने तरीके से महानता की ओर बढ़ रहे हैं.
टेस्ट क्रिकेट में 30 शतक और 8000 से अधिक रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, ‘कोहली, स्मिथ, जो रूट और केन विलियमसन एक दूसरे से बिलकुल अलग तरीके के बल्लेबाज हैं और इन सब में अच्छी बात ये है कि वे अपने तरीके से महानता की ओर बढ़ रहे है. इसमें चेतेश्वर पुजारा भी शामिल है जो टेस्ट क्रिकेट में राहुल द्रविड़ की शैली में बल्लेबाजी करते है.'