
BCCI New Rules List: न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मिली करारी हार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) काफी सख्त नजर आ रहा है. भारतीय बोर्ड ने इन हार को गंभीरता से लेते हुए खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम बनाए हैं.
साथ ही बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि यदि कोई भी प्लेयर या स्टाफ इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे सख्त सजा भी मिलेगी. बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया है. घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर ही टीम में सेलेक्शन भी होगा.
भारतीय बोर्ड ने कुल 10 गाइडलाइन्स जारी की हैं. आज तक के पास इसकी ऑफिशियल कॉपी है. आइए विस्तार से जानते हैं इन सभी नियमों के बारे में...
1. घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी होगा
भारतीय खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में जरूर खेलना होगा. यह अनिवार्य कर दिया गया है. इसी के आधार पर भारतीय टीम में प्लेयर का सेलेक्शन भी होगा. दरअसल, बीसीसीआई चाहता है कि इस मुहिम से सीनियर और जूनियर प्लेयर्स के बीच अच्छा रिश्ता बने, जिससे टीम और क्रिकेट का माहौल अच्छा हो.
यदि किसी प्लेयर को किसी कारण से घरेलू क्रिकेट नहीं खेलना है, तो इसकी जानकारी बीसीसीआई को देनी होगी. इसके अलावा चेयरमैन ऑफ सेलेक्शन कमिटी से इसकी परमिशन लेनी होगी. साथ ही घरेलू क्रिकेट खेलने के साथ ही प्लेयर्स को अपनी फिटनेस भी बनाए रखनी होगी.
2. फैमिली के साथ यात्रा नहीं कर सकेंगे
यह भी सख्त नियम बनाया है कि हर एक खिलाड़ी को टीम के साथ ही यात्रा करनी होगी. यानी प्लेयर्स अपने परिवार के साथ ट्रैवल नहीं कर सकेंगे. इस नियम का उल्लंघन होने पर सख्त सजा भी मिलेगी. यदि उन्हें फैमिली के साथ या अलग से यात्रा करनी है तो हेड कोच और चेयरमैन ऑफ सेलेक्शन कमेटी से अनुमति लेनी होगी.
3. अब ज्यादा सामान साथ में नहीं ले जा सकेंगे
यात्रा के दौरान कोई भी खिलाड़ी ज्यादा सामान नहीं ले जा सकेगा. अगर आपके सामान का वजन ज्यादा हुआ तो आपको इसके लिए खुद ही पैसों का भुगतान करना होगा. बीसीसीआई ने वजन और सामान की भी अलग से गाइडलाइन्स जारी की हैं.
ये है सामान की पॉलिसी
- लंबे दौरे (30 दिनों से अधिक):
खिलाड़ी - 5 पीस (3 सूटकेस + 2 किट बैग) या 150 किलोग्राम तक.
सहायक कर्मचारी - 2 पीस (2 बड़े + 1 छोटे सूटकेस) या 80 किलोग्राम तक.
- छोटे दौरे (30 दिनों से कम):
खिलाड़ी - 4 पीस (2 सूटकेस + 2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक.
सहायक कर्मचारी - 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक.
- घरेलू सीरीज
खिलाड़ी - 4 पीस (2 सूटकेस + 2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक.
सहायक कर्मचारी - 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक.
4. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बेंगलुरु में अलग से सामान भेजना
हर एक खिलाड़ी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बेंगलुरु में सामान या व्यक्तिगत वस्तु भेजने के लिए टीम मैनेजमेंट से सम्पर्क करना होगा. यदि अलग-अलग तरीके से कोई वस्तु भेजी जाती है, तब आने वाली एक्स्ट्रा लागत खिलाड़ी को वहन करनी होगी.
5. किसी दौरे या सीरीज में निजी स्टाफ पर प्रतिबंध
निजी स्टाफ (जैसे- पर्सनल मैनेजर, शेफ, असिस्टेंट्स और सिक्योरिटी) पर किसी दौरे या सीरीज में प्रतिबंध रहेगा. जब तक कि इसके लिए बीसीसीआई से परमिशन ना ली जाए.
6. प्रैक्टिस सेशन के दौरान मौजूद रहना होगा
बीसीसीआई ने यह भी सख्त नियम बनाया है कि अब हर एक खिलाड़ी को प्रैक्टिस सेशन के दौरान मौजूद रहना ही होगा. कोई भी खिलाड़ी प्रैक्टिस सेशन को जल्दी छोड़कर नहीं जा सकेगा. सीरीज या टूर्नामेंट के दौरान एक वेन्यू से दूसरे वेन्यू पर टीम के साथ ही जाना होगा. भारतीय बोर्ड ने खिलाड़ियों के बीच बॉन्डिंग के लिए यह नियम बनाया है.
7. कोई भी खिलाड़ी विज्ञापन नहीं कर पाएगा
खिलाड़ियों को अब सीरीज और अलग-अलग दौरे पर पर्सनल शूट की इजाजत नहीं होगी. इस दौरान कोई भी खिलाड़ी विज्ञापन नहीं कर पाएगा. बोर्ड ने ये फैसला इसलिए लिया है जिससे खिलाड़ियों का ध्यान न भटके.
8. विदेशी दौरे पर फैमिली के साथ ज्यादा समय नहीं रहेंगे
विदेशी दौरे पर अगर कोई खिलाड़ी 45 दिनों तक रहता है तो उनकी पत्नी और 18 साल से छोटी उम्र का बच्चा एक सीरीज में दो हफ्ते के लिए उनके साथ रह सकते हैं. इस दौरान BCCI ही उनके रहने का खर्च उठाएगी, लेकिन बाकी सारा खार्च खिलाड़ी को उठाना होगा.
दूसरी ओर कोच और कप्तान के साथ बातचीत के बाद ही कोई भी (परिजन या अन्य कोई) एक फाइनल तारीख को खिलाड़ी के पास आ सकता है. वहीं इस दौरान अगर कोई खिलाड़ी नियम तोड़ता है तो कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशन इसके जिम्मेदार होंगे. इसके अलावा समयसीमा खत्म होने के बाद का खर्च खिलाड़ी खुद उठाएगा.
9. ऑफिशियल शूट और फंक्शन में हिस्सा लेना होगा
जब भी बीसीसीआई के ऑफिशियल शूट, प्रमोशन और अन्य किसी तरह प्रोग्राम होते हैं तो उसमें हर खिलाड़ी को हिस्सा लेना होगा. ये फैसला खेल को बढ़ावा और हितधारकों के फायदे के लिए लिया गया है.
10. सीरीज खत्म होने पर घर जल्दी नहीं आ सकेंगे खिलाड़ी
हर खिलाड़ी को दौरे के खत्म होने तक टीम के साथ रहना होगा. सीरीज जल्दी खत्म होने पर भी खिलाड़ी को टीम के साथ रहना होगा. हर एक प्लेयर टीम के साथ ही तय तारीख पर लौटेगा. इस दौरान कोई भी खिलाड़ी जल्दी घर नहीं जा पाएगा. ये फैसला टीम बॉन्डिंग के हित में लिया गया है.
IPL से भी बाहर हो सकता है खिलाड़ी
गाइडलाइन्स के आखिर में बीसीसीआई ने कहा है कि सभी खिलाड़ियों से उपरोक्त दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपेक्षा की जाती है. अगर कोई खिलाड़ी इसमें से किसी भी चीज का पालन नहीं कर पाता है तो उसे चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच से इसकी परमिशन लेनी होगी. इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी इसमें गलती करते हुए पकड़ा जाता है तो उसपर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.
बता दें कि अगर कोई खिलाड़ी इन पॉलिसी का सही ढंग से पालन नहीं करता है तो बोर्ड उसे टूर्नामेंट्स, सीरीज और यहां तक की IPL में भी नहीं खेलने देगा. इसके अलावा बोर्ड खिलाड़ियों की सैलरी और उनका कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर सकता है.