
लंबे इंतजार के बाद इस साल के शुरू में इंग्लैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने कहा कि वह भारतीय टीम की तरफ से अपनी पहली पारी से पूर्व थोड़ा बैचेन थे. लेकिन उन्होंने खुद को शांतचित्त बने रहने और स्वयं पर विश्वास करने की सलाह दी, जिससे मदद मिली.
उन्होंने उस दिन को याद करते हुए कहा, 'मैंने अपने आप से कहा कि खुद पर विश्वास रखो.' सूर्यकुमार को अपने पदार्पण मैच में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अहमदाबाद में अपने दूसरे टी20 मैच में 57 रनों की तेजतर्रार पारी खेली थी.
इस 30 साल के खिलाड़ी ने मुंबई इंडियंस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डाले गए वीडियो में कहा, 'आपने अगर अच्छे से देखा होगा तो मैं उस समय काफी उत्साहित था. इसके अलावा मैं तब खुश भी नहीं था, क्योंकि रोहित (शर्मा) आउट हो गए थे, लेकिन जब मैं बल्लेबाजी के लिए अंदर जा रहा था तो भागकर जा रहा था और इससे पता चलता है कि मैं कितना उत्साहित था.'
अब तक तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले सूर्यकुमार ने कहा कि जब वह बल्लेबाजी के लिए जा रहे थे, तो नंबर तीन पर अपनी उपलब्धियों को याद कर रहे थे.
उन्होंने कहा, 'मैं लंबे समय से इंतजार कर रहा था और इसलिए जब मैं पैड पहनकर डगआउट में आया, तो थोड़ा बैचेन था और ऐसा होना भी जरूरी था... क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता है तो आप अंदर जाकर अच्छा प्रदर्शन कैसे करोगे.'
सूर्यकुमार ने कहा, 'जब मैं मैदान पर जा रहा था तो मेरे दिमाग में कई बातें घूमने लगीं कि नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए मैंने क्या किया है. मुझे तब जवाब मिल गया, जब मैंने स्वयं से कहा कि वही करना है भाई जो अब तक करते रहे हो, उससे हटकर कुछ नहीं करना है.' उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर पर छक्का जड़कर की थी.
सूर्यकुमार ने कहा, 'लोग उस छक्के के बारे में बात करते हैं कि भारत की तरफ से पहली गेंद खेलते हुए मैं कैसा महसूस कर रहा था. थोड़ा शांतचित्त रहना जरूरी थी और मैं जानता था कि आर्चर ने आईपीएल में क्या किया है और वह बल्लेबाजों पर कैसे हावी होता है.' उन्होंने कहा, 'इसलिए मुझे कुछ अनुमान था कि वह कैसी गेंद डालेंगे और अच्छा यह हुआ कि उन्होंने वैसी ही गेंद डाली. इसके बाद जिस तरह से चीजें आगे बढ़ीं उससे मैं बहुत खुश था.'