
Blind Women's Cricket: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बरकतुउल्लाह यूनिवर्सिटी ग्राउंड में इन दिनों महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम का ट्रेनिंग कैंप चल रहा है. यह ट्रेनिंग कैंप की खास बात यह है कि क्रिकेट सीखने एवं सिखाने वाले सभी आंशिक रूप से या पूरी तरह से दृष्टिहीन है.
इस ट्रेनिंग कैंप के लिए मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बेहद सामान्य परिवार से आने वाली 60 महिला खिलाड़ियों को चुना गया है. इनमें से 14 लड़कियों का चयन मध्य प्रदेश की पहली महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम के लिए होगा. यह तैयारी 28 फरवरी से 5 मार्च तक बेंगलुरु में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के लिए हो रही है.
ब्लाइंड क्रिकेट टीम में कुल 11 खिलाड़ी शामिल किए जाते हैं, जिसमें तीन कैटेगरी होती है. पहली कैटेगरी B-1 है जिसमें खिलाड़ी पूरी तरह ब्लाइंड होता है. दूसरी कैटेगरी B-2 होती है जिसमें खिलाड़ी को बेहद मामूली रूप से दिखाई देता है, ज्यादा से ज्यादा 3 मीटर तक. तीसरी कैटेगरी B-3 खिलाड़ियों की होती है, जिन्हें 6 मीटर तक दिखाई देता है.
इस ब्लाइंड क्रिकेट टीम को तैयार करने से सबसे बड़ी चुनौती इन लड़कियों के मन में इस बात का विश्वास जगाना था कि वह उचित ट्रेनिंग के बाद क्रिकेट खेल सकती हैं. साथ ही उनके परिवारों को इस बात के लिए मनाना कि घर के बाहर भी उनकी बेटियों का ना केवल अच्छे से ध्यान रखा जाएगा, बल्कि उनके अंदर आत्मविश्वास की भावना को जगाया जाएगा ताकि वह परिवार का नाम रोशन कर सकें.
इस कैंप में ट्रेनिंग ले रही लड़कियों ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि शुरुआत में उन्हें बेहद डर रहता था कि घर से दूर वह कैसे रहेंगे क्योंकि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. शुरुआत में उन्हें थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन जैसे-जैसे ट्रेनिंग आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे क्रिकेट खेलने के लिए आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है.
ट्रेनिंग कैंप के लिए कुल 180 लड़कियां चिह्नित की गई थी, जिनमें से 60 लड़कियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. इनमें से सिर्फ 14 लड़कियां मध्य प्रदेश की पहली महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम का हिस्सा बनेंगी.