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मोंटी पनेसर बोले- ब्रिटेन में अश्वेतों को अधिक नस्लवाद झेलना पड़ता है

पनेसर ने कहा कि उनके देश में अश्वेत समुदाय के साथ नस्लवाद खत्म होना चाहिए और अधिकारियों को पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म करना चाहिए.

Monty Panesar (Getty) Monty Panesar (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

भारतीय मूल के इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर का मानना है कि ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई प्रवासियों को यदा-कदा ही नस्लवाद का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसकी तुलना अश्वेत समुदाय के साथ रोजमर्रा की जिंदगी में हो रहे बर्ताव से नहीं की जा सकती. पनेसर ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि उनके देश में अश्वेत समुदाय के साथ नस्लवाद खत्म होना चाहिए और अधिकारियों को पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म करना चाहिए.

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उन्होंने कहा ,‘यदि कोई यहां काला रंग चढ़ी खिड़कियों वाली कार चलाता है और वह अश्वेत है तो पुलिस उसकी कार जरूर रोकेगी. यहां अश्वेत लोग रोज पुलिस के खौफ के साए में जीते हैं.’ इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट में 167 विकेट ले चुके पनेसर ने कहा,‘यह मेरे अश्वेत दोस्त बताते हैं. वे सुपरमार्केट जाते हैं तो लोगों को उन पर चोरी का शक होता है. यदि मैं जेब में कुछ रख लूं तो कोई ध्यान नहीं देगा, लेकिन वे कुछ नहीं करते हैं तो भी उन पर शक रहता है.’

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समूचे क्रिकेट जगत की तरह उन्हें भी वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर माइकल होल्डिंग के नस्लवाद पर दिए गए भाषण ने झकझोर दिया है. उन्होंने कहा,‘पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म किया जाना चाहिए. भाषणों के बाद भी कुछ किया नहीं जाता तो फिर क्या फायदा. मैंने माइकल होल्डिंग जैसा दमदार भाषण किसी का नहीं देखा. और क्रिकेट के जरिए ही नस्लवाद को खत्म करने से बेहतर क्या हो सकता है.’

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पनेसर ने कहा,‘दक्षिण एशियाई समुदाय को यदा-कदा ही सुनना पड़ता है, लेकिन अश्वेतों को नियमित आधार पर यह सब सहना पड़ता है. सिख समुदाय दशकों से समाज सेवा कर रहा है और प्यार का संदेश फैला रहा है. लोग उसकी सराहना करके हमें वह प्यार लौटाते हैं.’

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उन्होंने कहा,‘लेकिन अश्वेत समुदाय की कोई गलती नहीं होने पर भी पुलिस उन्हें दंडित करती है. अब उन पर से यह कलंक हटाना होगा. उन्हें शिक्षित करके दूसरों की तरह सफेदपोश नौकरियां दी जानी चाहिए.’

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