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टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने विपरीत परिस्थितियों में आसानी से घुटने टेक दिए जिससे न्यूजीलैंड ने दस विकेट से बड़ी जीत दर्ज की. यह प्रदर्शन ऐसा नहीं था कि कीवी टीम के लिए कोई चुनौती पेश कर सके. साउदी और बोल्ट की जोड़ी ने दिखाया कि उनकी सीम और स्विंग के सामने भारत की मशहूर बल्लेबाजी लाइन अप में भी काफी सुधार की जरूरत है.
डिफेंस ने बिगाड़ा खेल
बेसिन रिजर्व की हार ने कई सवाल खड़े कर दिए क्योंकि हाल ही में कभी टीम इंडिया ने इस तरह से घुटने नहीं टेके थे. भारतीय बल्लेबाजी के दो मजबूत स्तंभ विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा वैसी बल्लेबाजी नहीं कर रहे हैं जिसके लिए वह जाने जाते हैं.
पहले टेस्ट मैच में करारी हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने टीम के बल्लेबाजों की डिफेंसिव बल्लेबाजी पर सवाल उठाया था. आपको बता दें कि चेतेश्वर पुजारा ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 81 गेंदों पर 11 रन बनाए थे. हनुमा विहारी ने 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाए.
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कोहली की बैटिंग पर सवाल?
कोहली ने कहा था कि विरोधी टीम पर हावी होने के लिए आपको डिफेंसिव होने की बजाय रन बनाने की जरूरत है. हालांकि खुद विराट कोहली भी फॉर्म में नहीं हैं. रन मशीन के नाम से चर्चित कप्तान कोहली वेलिंग्टन टेस्ट की पहली पारी में 7 गेंदों में 2 रन बनाकर आउट हो गए थे. दूसरी पारी में कोहली 43 गेंदों का सामना करने के बाद केवल 19 रन बनाकर चलते बने.
इस तरह से कोहली का न्यूजीलैंड के वर्तमान दौरे में खराब फॉर्म जारी है. वह इस दौरे में तीनों प्रारूपों की नौ पारियों में केवल 201 रन बना पाए हैं. कोहली ने तीनों प्रारूपों की पिछली 20 पारियों में एक भी शतक नहीं लगाया है. कोहली ने अपना पिछला शतक पिछले साल नवंबर में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच में लगाया था, जब उन्होंने 136 रनों की शतकीय पारी खेली थी.
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कोहली का खराब दौर
यह पहली बार नहीं है जब कोहली खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. इससे पहले फरवरी 2014 से लेकर अक्टूबर 2014 तक भी वे तीनों प्रारुपों की 25 पारियों में एक भी शतक नहीं लगा पाए थे. इसमें इंग्लैंड का वह दौरा भी शामिल हैं, जहां वह पांच टेस्ट मैचों में केवल 134 रन ही बना पाए थे.
इससे पहले कोहली का खराब फॉर्म फरवरी 2011 से लेकर सितंबर 2011 तक के बीच देखने को मिला था, जब उन्होंने लगातार 24 पारियों में एक भी शतक नहीं जड़ा था. कोहली ने अब तक अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 70 शतक जड़े हैं. उन्होंने 85 टेस्ट मैचों में 27 और 248 वनडे मैचों में 43 शतक लगाए हैं. टॉप ऑर्डर भारत की ताकत रहा है जो वनडे के बाद अब टेस्ट मैचों में भी लगातार फ्लॉप हो रहा है. मिडिल ऑर्डर में विराट कोहली ने निराश किया.