
भारत और इंग्लैंड के बीच टी20 सीरीज का चौथा मुकाबला 31 जनवरी (शुक्रवार) को पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला गया. इस मुकाबले में भारतीय टीम ने 15 रनों से जीत हासिल की. जीत के साथ ही सूर्या ब्रिगेड ने पांच मैचों की टी20 सीरीज में 3-1 की बढ़त ले ली. अब दोनों टीमों के बीच सीरीज का आखिरी मुकाबला 2 फरवरी (रविवार) को मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा.
'कन्कशन सब्स्टीट्यूट' हर्षित ने काटा गदर
इस चौथे टी20 मुकाबले में भारतीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैदान पर उतरे, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है. हर्षित बैटिंग ऑलराउंडर शिवम दुबे की जगह मैदान पर आए और कमाल की गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट लिए. हर्षित ने लियाम लिविंगस्टोन, जैकब बेथेल और जेमी ओवर्टन को आउट करके मैच का रुख बदल दिया. बता दें कि शिवम दुबे को बल्लेबाजी के दौरान सिर में चोट लग गई थी, जिसके चलते हर्षित को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर मौका मिला.
आईसीसी के वर्तमान रूल्स के मुताबिक जब किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान मैदान पर सिर या आंख में चोट लगती है, तो कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल (Concussion Substitute Rule) लागू होता है. हालांकि सब्स्टीट्यूशन लाइक फॉर लाइक होना चाहिए. हर्षित राणा एक तेज गेंदबाज हैं, जबकि शिवम दुबे बैटिंग ऑलराउंडर हैं. ऐसे में ये निर्णय थोड़ा हैरान करने वाला रहा. हालांकि मैच रेफरी की मंजूरी के बाद ही किसी खिलाड़ी को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतारा जाता है. इस मुकाबले में मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ थे.
पीटरसन-नाइट-कुक ने जताई नाराजगी
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को लाने के भारत के कदम की काफी आलोचना की. पीटरसन का मानना है कि एक विशेषज्ञ तेज गेंदबाज एक ऑलराउंडर की जगह कैसे ले सकता है. पीटरसन ने कहा, 'जोस बटलर हताशा में आउट हो गए क्योंकि वह इस सब्स्टीट्यूशन से खुश नहीं थे. दुनिया में किसी से भी पूछिए कि क्या हर्षित राणा लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट थे. मुझे इतना यकीन नहीं है कि कोई भी कहेगा कि वह थे.' इंग्लैंड के पूर्व ओपनर निक नाइट के भी कुछ ऐसे ही विचार थे.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक भी फैसले से असहमत हैं. कुक ने कहा, 'आपको क्रिकेट से प्यार करना होगा क्योंकि इससे बहुत सी कहानियां सामने आती हैं. हाफ टाइम में आपने कभी नहीं सोचा होगा कि वह कहानी एक कन्कशन सब की होगी. उसने खेल पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला. एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर, जिसने आईपीएल में एक ओवर गेंदबाजी की है, उसकी जगह ऐसे खिलाड़ी को लाना जो बल्लेबाजी नहीं कर सकता और सीम गेंदबाजी करता है. मुझे ये फैसला बिल्कुल भी समझ नहीं आया.'
'यह पूरी तरह से पागलपन लगता है...'
एलिस्टेयर कुक ने कहा, 'इंग्लैंड को फिर भी मैच जीतना चाहिए था. उनके (भारत) पास वॉशिंगटन सुंदर थे, जिन्हें इसलिए नहीं खिलाया गया क्योंकि वे टीम में अधिक बल्लेबाज चाहते थे. यह पूरी तरह से पागलपन लगता है कि ऐसा करने की अनुमति दी गई, लेकिन डेब्यूटेंट खिलाड़ी (हर्षित राणा) को इसका श्रेय जाता है. लेकिन उन्हें वहां खेलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी.'
एलिस्टेयर कुक कहते हैं, 'इससे कप्तान को एक और शानदार विकल्प मिल गया. उनके पास एक और स्पिनर अभिषेक शर्मा भी थे, जिन्होंने इस मैच में गेंदबाजी नहीं की. हर्षित राणा ने निश्चित रूप से भारतीय टीम की मदद की है. हम इसके बारे में जितना चाहें कह सकते हैं, यह गलत फैसला था, लेकिन इंग्लैंड को मैच जीतना चाहिए था.'
बटलर ने पूरे मामले में कही ये बात
इंग्लैंड कप्तान जोस बटलर इस फैसले से सहमत नहीं दिखे. बटलर ने मैच के बाद कहा, 'यह लाइक टू लाइट सब्स्टीट्यूशन नहीं था. हम इससे सहमत नहीं हैं. या तो शिवम दुबे ने गेंद के साथ लगभग 25 मील प्रति घंटे की गति बढ़ाई है या हर्षित ने वास्तव में अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया है. यह खेल का हिस्सा है और हमें वास्तव में मैच जीतना चाहिए था, लेकिन हम इस निर्णय से असहमत हैं.'
बटलर कहते हैं, 'हमारे साथ कोई परामर्श नहीं किया गया. जब मैं बल्लेबाजी करने आया तो मैं यही सोच रहा था कि हर्षित को किसकी जगह पर रखा गया है? उन्होंने कहा कि वह कन्कशन रिप्लेसमेंट हैं, जिससे मैं स्पष्ट रूप से असहमत था. उन्होंने कहा कि मैच रेफरी ने फैसला लिया था. लेकिन हम इस बारे में स्पष्टता पाने के लिए जवागल श्रीनाथ से कुछ सवाल पूछेंगे.'