
अगर 78 ओवर बाकी हो और बनाने के लिए सिर्फ 4 रन हो तो आप उस टीम की जीत पक्की समझ रहे होंगे. हालांकि पाकिस्तान में हुए एक मैच की ऐसी सिचुएशन में भी टीम को हार का सामना करना पड़ा. वह भी विवादस्पद नियम मैनकेडिंग की वजह से.
आपको बता दें कि पाकिस्तान मैनकेडिंग का अनोखा मामला सामने आया है. इससे एक बार फिर मैनकेडिंग पर बहस शुरू कर दी है. पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट कायद ऐ आजम टूर्नामेंट के एक मैच में वॉटर ऐंड पावर डिवेलपमेंट ऑथोरिटी (WAPDA) का मुकाबला पेशावर से था. WAPDA को आखिरी दिन जीत के लिए 78 ओवर में 4 रन बनाने थे. हालांकि तीन दिन खत्म होने के बाद मैच दोनों तरफ बराबर झुका हुआ था. पेशावर को भी जीत के लिए सिर्फ एक विकेट की जरूरत थी.
इस दौरान मौहम्मद शाद बैटिंग कर रहे थे और नॉन स्ट्राइकर एंड पर उनका साथ मोहम्मद इरफान दे रहे थे. वहीं बॉलिंग का जिम्मा ताज अली के हाथ में था. ऐसे में ताज अली बॉल डालने के लिए आगे बढ़े और बॉल करने से पहले देखा कि मोहम्मद इरफान क्रीज से बाहर हो चुके हैं. ऐसे में उन्होंने इरफान को मैनकेडिंग के जरिए आउट कर दिया. ऐसे में अंपायर के पास कोई चारा नहीं था आउट देने के सिवाए. अपांयर ने एक बार फिल्डिंग टीम से दोबारा अपने निर्णय पर विचार करने को भी कहा. हालांकि WAPDA की टीम ने अपना फैसला नहीं बदला. इस वजह से WAPDA को पेशावर के हाथों तीन रन से हार का सामना करना पड़ा.
यह है मैनकेडिंग का नियम
ICC के मैनकेडिंग से जुड़े नियमों के मुताबिक, अगर बॉल फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइकर अपनी क्रीज छोड़ देता है तो बॉलर उसे बिना बॉल फेंके रन आउट करने की कोशिश ककर सकता है. रनआउट सफल होने पर बल्लेबाज आउट माना जाएगा, लेकिन कोई बॉल नहीं काउंट होगी. वहीं रनआउट सफल नहीं होने पर बॉल डेडबॉल मानी जाएगी.
सलमान बट्ट ने उठाया खेलभावना पर सवाल
WAPDA के कप्तान सलमान बट्ट ने दूसरी टीम के कप्तान की खेलभावना पर सवाल उठाया. उनके अनुसार ऐसे नियम का क्या फायदा जब जीत के बाद जीतने वाली टीम गर्व की जगह शर्म महसूस करे.
बट्ट ने कहा चार दिन तक काफी अच्छा खेल खेला जा रहा था. दोनों टीम एक दूसरे को बराबर टक्कर दे रही थी, लेकिन मैनकेडिंग ने सारे जोश पर पानी फेर दिया. खेलभावना सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए, लेकिन मैच सही ढंग से समाप्त नहीं हुआ. उस नियम का क्या फायदा जब विरोधी टीम जीतने के बाद भी आपसे माफी मांगे?