
भारतीय टीम के खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट के दिग्गज पद्माकर शिवालकर की याद और सम्मान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैम्पियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल के दौरान मंगलवार को बांह पर काली पट्टी बांध कर मैदान में उतरे. शिवालकर का उम्र संबंधी बीमारी के कारण सोमवार को निधन हो गया था. उन्होंने 84 साल की उम्र में मुंबई में अंतिम सांस ली.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘स्वर्गीय पद्माकर शिवालकर के सम्मान में भारतीय टीम आज काली पट्टी बांधकर खेल रही है.’
शिवालकर उन बेहतरीन स्पिनरों में से एक थे, जिन्हें भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला क्योंकि वह बिशन सिंह बेदी जैसे महान खिलाड़ियों के युग में खेले थे.
बाएं हाथ के स्पिनर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 साल की उम्र तक खेलना जारी रखा. उन्होंने भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता में 361 विकेट लिए जिसमें ग्यारह बार मैच में 10 विकेट लेना शामिल हैं. शिवालकर ने 12 लिस्ट ए मैचों 16 विकेट लिए थे.
उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2017 में सीके नायडू ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. भारत के लिए कभी नहीं खेले पाने वाले सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में शामिल शिवालकर ने 1961-62 से 1987-88 के बीच कुल 124 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया और 19.69 की औसत से 589 विकेट लिए.