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CWC 2019: 'चैम्पियन इंडिया' के लिए धोनी की 'कुर्बानी', ढाई साल पहले ही खेल दिया था दांव

टीम इंडिया एक बार और चैम्पियन बनने की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रही है, तो दूसरी तरफ मौजूदा वर्ल्ड कप में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खेलने के तरीके की आलोचना हो रही है.

धोनी फैंस (AP) धोनी फैंस (AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

टीम इंडिया वर्ल्ड कप ताज से महज दो कदम दूर है. भारतीय टीम को तीसरी बार विश्व चैम्पियन बनने के लिए सिर्फ दो जीत की जरूरत है. 14 जुलाई को लॉर्ड्स में इतिहास रचने से पहले उसे मंगलवार को मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड की चुनौती ध्वस्त करनी होगी.

टीम इंडिया एक बार और चैम्पियन बनने की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रही है, तो दूसरी तरफ मौजूदा वर्ल्ड कप में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खेलने के तरीके की आलोचना हो रही है. ऐसी चर्चा जोरों पर है जो क्रिकेट की दुनिया को चौंका सकती है.

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दरअसल, वर्ल्ड कप में धीमी बल्लेबाजी के कारण धोनी क्रिकेट विशेषज्ञों के निशाने पर हैं. साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि टूर्नामेंट में विराट ब्रिगेड का अभियान पूरा होते ही भारत का यह पूर्व कप्तान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देगा.

38 साल के हो चुके धोनी की करियर के इस अहम पड़ाव पर आलोचना नहीं, सराहना होनी चाहिए. टीम में नए खिलाड़ियों के आने के कारण उन्हें न सिर्फ अपने खेल को बेहतर रखना पड़ा, बल्कि उन्होंने टीम इंडिया के वर्ल्ड कप मिशन-2019 के लिए बहुत पहले ही नया कप्तान भी दे दिया.

जी हां! महेंद्र सिंह धोनी मौजूदा वर्ल्ड कप के लिए ढाई साल पहले ही अपना योगदान दे चुके हैं और उनका यह अभियान अब भी जारी है. दरअसल, उन्होंने जनवरी 2017 में कप्तानी (सीमित ओवरों के प्रारूप से) छोड़ने का फैसला किया और विराट कोहली को अपना उत्तराधिकारी बनाने का रास्ता बनाया था.

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धोनी का कप्तानी से हटना भारतीय प्रशंसकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था, क्योंकि धोनी ने अचानक यह निर्णय लिया था. हालांकि यह पहली बार नहीं था, जब धोनी ने बिना कोई भनके लगे कप्तानी छोड़ी हो. दिसंबर 2014 में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बीच में ही अचानक टेस्ट कप्तानी छोड़ी थी. इतना ही नहीं उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से तत्काल रिटायर होने की भी घोषणा कर दी.

पिछले साल सितंबर में धोनी यह खुलासा कर चुके हैं कि- 'मैंने कप्तानी से इसलिए इस्तीफा दे दिया क्योंकि मैं चाहता था कि नए कप्तान (विराट कोहली) को 2019 के वर्ल्ड कप से पहले एक टीम तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिले.

सच्चाई तो यह है कि तब धोनी से किसी ने कहा नहीं था कि वह वर्ल्ड कप के लिए नया कप्तान तैयार करें. यह फैसला शत प्रतिशत उनका था. तब तक 283 में से 199 वनडे में कप्तानी कर चुके धोनी का मानना था कि नए कप्तान को उचित समय दिए बिना एक मजबूत टीम का चयन करना संभव नहीं है. और उन्होंने टीम हित में विराट की कप्तानी में खेलने के लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार भी कर लिया था.

विराट कोहली भी कह चुके हैं, 'जब मैं पहली बार भारतीय ड्रेसिंग रूम में गया था तब धोनी मेरे कप्तान थे. आज बेशक मैं भारतीय टीम का कप्तान हूं, लेकिन मेरे लिए वह हमेशा मन से मेरे कप्तान बन रहेंगे.' आज इसी का नतीजा है कि भारतीय टीम टीम 1983 और 2011 के बाद एक बार फिर से वर्ल्ड कप जीतने की दहलीज पर है.

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