
Danish Kaneria: पाकिस्तान टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर दानिश कनेरिया को हिंदू होने के नाते अपने ही देश में काफी स्ट्रगल करना पड़ा है. यह बात उन्होंने खुद स्वीकार की है. दानिश ने बताया कि पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान शाहिद आफरीदी ने कई बार उन पर धर्मपरिवर्तन के लिए दबाव बनाया. मगर उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला.
42 साल के दानिश कनेरिया ने आजतक से इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान में हिंदुओं की हालत, मैदान पर नमाज पढ़ने और धर्मपरिवर्तन जैसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील भी कि है कि उन पर लगे बैन को हटाने में मदद करें.
'पाकिस्तान में कोई हिंदू बड़े पद पर नहीं आया'
दानिश कनेरिया ने कहा- मुझे अपनी टीम में या पीसीबी बोर्ड से कोई सपोर्ट नहीं मिला, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं मैं उनके रिकॉर्ड ना तोड़ दूं. पाकिस्तान में कोई हिंदू कभी किसी बड़े पद पर नहीं आया. मगर भारत में ऐसा नहीं है. वहां सभी धर्मों के लोग खेलते हैं. इन्होंने मेरी स्थिति बहुत बेकार कर दी थी. पर मुझे भगवान पर भरोसा था. शरजील खान ने मैच फिक्स किया और भी खिलाड़ियों ने ऐसा किया. सभी को वापस लाए, पर मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ.
पूर्व पाकिस्तानी दिग्गज ने कहा- अखंड भारत के लोग एकदूजे के साथ रहते हैं. एक टूर्नामेंट में शमी को ट्रोल किया गया, तो कोहली और बाकी खिलाड़ियों ने आगे आकर सपोर्ट किया. ऐसे में भारत और पाकिस्तान में बहुत अंतर है. सिर्फ शमी की बात नहीं है. इरफान पठान, यूसुफ पठान और अजहरुद्दीन भी थे. अजहरुद्दीन के साथ भी बहुत कुछ हुआ, पर सभी ने सपोर्ट किया. भारत में सभी धर्मों का सम्मान होता है. मगर पाकिस्तान में ऐसा नहीं है.
लेग स्पिनर दानिश का क्रिकेट करियर
61 टेस्ट मैच: 261 विकेट
18 वनडे मैच: 15 विकेट
206 फर्स्ट क्लास मैच: 1024 विकेट
'सुबह की नमाज के लिए कॉल आता था'
ड्रेसिंग रूम दानिश के साथ कैसा बर्ताव होता था? इस पर उन्होंने कहा- इंजमाम उल हक की कप्तानी में मेरा लंबा करियर रहा है. वो मुझसे हर बार बोलते थे कि ऐसी चीजों को छोड़ दे. ध्यान मत दो. मुझे सुबह की नमाज के लिए कॉल आता था. पर मैंने मना कर दिया था. इंजमाम के बाद स्थिति बद से बदतर होती चली गई थी. मुझे पता चल गया था कि मुझे टीम से निकालने की कोशिश की जा रही है.
मैदान पर नमाज पढ़ने वाली मौजूदा पाकिस्तानी टीम पर कहा- इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान टीम ऐसा कर रही है. ठीक है आप नमाज पढ़ो, लेकिन ड्रेसिंग रूम या अलग कमरे में पढ़ो. मगर मैदान पर नहीं होना चाहिए. यह अलग होनी चाहिए. क्या हम लोग मैदान पर पूजा करते हैं. या मैदान पर पूजा शुरू कर देना चाहिए? क्या शमी और पठान नमाज नहीं पढ़ते हैं. पाकिस्तानी लोग जय श्री राम पर उंगली उठाते हैं. मैं बता दूं कि जय श्री राम कहकर वो आपका स्वागत कर रहे हैं. सीधी बात है कि इनके अलावा इनकी दुकान नहीं चलती.
भारत की नागरिकता लेने पर दानिश ने क्या कहा?
क्या दानिश को मौका मिले तो वो भारत की नागरिकता लेंगे? इस पर उन्होंने कहा- बिल्कुल, मोदी जी को मुबारक बाद देता हूं. भारत में विकास हुआ. नागरिगता लेना या नहीं लेना वाली बात नहीं है. जब मौका मिलेगा. ले लेंगे.
यदि दानिश इस्लाम कुबूल करते तो उनका क्रिकेट करियर कैसा होता? इस पर कहा- शायद मैं कप्तान बन गया होता. कई रिकॉर्ड तोड़ दिए होते. मगर मुझे ऐसा नहीं चाहिए. मेरे लिए धर्म ही सबसे ऊपर है. चाहे स्थिति कुछ भी हो. मुझे कई बार बोला गया धर्मपरिवर्तन के लिए. पर मैंने बोला जय श्री राम.
मौजूदा वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान की स्थिति पर दानिश ने कहा- पाकिस्तान टॉप-4 में आ जाए वही बड़ी बात है. लोगों की स्थिति ये हो गई है कि वो 1992 को याद कर रहे हैं. और भारत की टीम तो अलग ही शानदार हो गई है. वो वर्ल्ड कप की मजबूत दावेदार है.
दानिश ने पीएम मोदी से की ये खास अपील
कोहली और सचिन की तुलना पर दानिश ने कहा- मेरे नजर में विराट कोहली ज्यादा महान है. सचिन भी शानदार थे. मगर विराट ने जिस दबाव और स्थिति में रन बनाए वो अलग ही बात है. उसने पूरी स्थिति ही चेंज कर दी.
भारत की तारीफ करने पर दानिश को पाकिस्तान में देशद्रोही कहते हैं. ऐसे में परिवार समेत पाकिस्तान लौटने या वहां रहने पर दानिश ने कहा- मैं अपील करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी जी मुझ पर इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड ने आरोप लगाए और बैन लगाया है. मुझ पर लगा बैन हटाने में मदद करें.