Advertisement

हर कीमत पर जीत के गुरुमंत्र ने किया ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का बेड़ागर्क

बॉल टेंपरिंग विवाद में आज किसी भी समय सजा का ऐलान हो सकता है.

डेरेन लेहमन डेरेन लेहमन
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST

कोच डेरेन लेहमन भले ही गेंद से छेड़खानी के मामले में पाक साफ करार दिये गए हों, लेकिन हर कीमत पर जीत की जो मानसिकता उन्होंने टीम में भरी है, अब उस पर सवालिया उंगली उठने लगी हैं.

लेहमन ने जब 2013 में कोच का पद संभाला, तब उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का संकटमोचक माना गया था, लेकिन अब उन्हें टीम में दूषित संस्कृति भरने का आरोपी माना जा रहा है. जिससे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की छवि को काफी नुकसान हुआ है.

Advertisement

कोच बनने के बाद, जब लेहमैन से उनकी तीन प्राथमिकताएं पूछी गईं, तो उनका जवाब था,‘जीत, जीत और जीत.’ उस समय क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा था ,‘अनुशासन, अच्छा आचरण और प्रदर्शन के लिए जवाबदेही में भी सुधार की जरूरत है और यह मुख्य कोच का काम है.’

लेहमन के कोच रहते ऑस्ट्रेलिया ने 30 टेस्ट जीते, 19 हारे और आठ ड्रॉ खेले.गेंद से छेड़छाड़ मामले में लेहमन को क्लीन चिट दे दी गई है. सदरलैंड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले मे कोचिंग स्टाफ शामिल नहीं था.

बॉल टेंपरिंग विवाद में आज किसी भी समय सजा का ऐलान हो सकता है. केपटाउन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में बेनक्रॉफ्ट को गेंद पर पीला टेप लगाते हुए कैमरे में कैद किया गया था. बाद मे स्मिथ और बेनक्रॉफ्ट ने यह बात मानी थी गेंद से छेड़छाड़ टीम की योजना थी.

Advertisement

इसके बाद सीए ने स्मिथ और वॉर्नर को तीसरे टेस्ट मैच के बाकी दिनों से पदों से हटा दिया था. वहीं, आईसीसी ने भी स्मिथ पर एक टेस्ट मैच का प्रतिबंध, पूरी मैच फीस का जुर्माना और बेनक्रॉप्ट पर मैच फीस का 75 फीसदी जुर्माना लगाया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement