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Deepak Chahar Mankad: दीपक चाहर ने की बड़ी गलती? मांकड़ का मौका छोड़ने पर सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

साउथ अफ्रीका और भारत के बीच खेले गए तीसरे टी-20 मैच में दीपक चाहर ने मांकड़ रनआउट का एक मौका छोड़ दिया. इस मसले पर अब नई बहस छिड़ गई है, क्योंकि आईसीसी नियमों के मुताबिक यह रनआउट मान्य है.

Deepak Chahar Mankad Deepak Chahar Mankad
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया को तीसरे और आखिरी टी-20 मैच में 49 रनों से हार झेलनी पड़ी. हालांकि, भारत ने फिर भी यह सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली. अब टीम इंडिया टी-20 वर्ल्डकप की तैयारियों में जुट गई है. लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए आखिरी टी-20 मैच में कुछ ऐसा हुआ, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. 

दरअसल, इस मैच में टीम इंडिया के बॉलर दीपक चाहर ने साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज को मांकड़ रनआउट करने की कोशिश की. उन्होंने सिर्फ चेतावनी दी, लेकिन रनआउट नहीं किया. खेल भावना के नजरिए से इसकी तारीफ की जा सकती है, लेकिन एक तर्क यह भी है कि क्योंकि नियमों के हिसाब से यह गलत नहीं है, तो फिर दीपक चाहर ने यह रनआउट क्यों नहीं किया. 
 

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इसी को लेकर सोशल मीडिया पर बहस चल रही है. मैच के दौरान साउथ अफ्रीका की पारी का 16वां ओवर जब शुरू होने को था, तब टीम इंडिया की ओर से दीपक चाहर ने बॉलिंग की. ओवर की पहली बॉल डालने से ठीक पहले उन्होंने साउथ अफ्रीका के टी. स्टब्स को मांकड़ रनआउट करना चाहा. 
 

स्टब्स बॉल फेंकने से पहले ही क्रीज़ से बाहर जा चुके थे, तब दीपक चाहर बॉल फेंकने से ठीक पहले रुके और स्टम्प्स की ओर बॉल करने लगे. हालांकि, उन्होंने रनआउट नहीं किया और अंत में एक स्माइल देकर चलते बने. 


क्या दीपक चाहर ने सही किया?

अभी कुछ दिन पहले ही भारत और इंग्लैंड की महिला टीम के बीच जब लॉर्ड्स में टी-20 मैच खेला गया, तब दीप्ति शर्मा ने चार्ली डीन को इसी तरह रनआउट किया था. इसके बाद एक लंबी बहस छिड़ी थी, क्योंकि इंग्लैंड के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटर्स ने इसे खेल भावना के विपरीत बताया. लेकिन भारतीय टीम ने आईसीसी के नियमों का हवाला दिया और कहा कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है. 

आईसीसी के नए नियम जो 1 अक्टूबर से लागू हुए हैं, उनके मुताबिक यह सिर्फ रनआउट ही माना जाएगा. यानी इसे मांकड़ भी नहीं कह सकते हैं और इसमें अब खेल भावना का कोई ज़िक्र नहीं होगा. नियमों के मुताबिक यह पहले भी रनआउट ही था, लेकिन इसे खेल भावना के विपरीत माना जाता था हालांकि अब ऐसा नहीं है. 

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ऐसे में एक तर्क यह है कि दीपक चाहर ने वहां पर विकेट का एक मौका गंवा दिया. भले ही खेल भावना को लेकर उनकी तारीफ हुई हो लेकिन नियम के मुताबिक वह विकेट का मौका था. इसी बात का जिक्र कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी किया है. 


 

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