
IND vs WI, Deepak Hooda: वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले महीने होने वाली सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है. दीपक हुड्डा को भी पहली बार भारत के वनडे टीम में जगह मिली है. दीपक हुड्डा ने टीम में चुने जाने के पीछे इरफान पठान को क्रेडिट दिया है. हुड्डा का मानना है कि इरफान पठान ने कठिन दौर में उनका सपोर्ट किया, जिसका उन्हें सुखद परिणाम मिला है.
हुड्डा ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के साथ-साथ विजय हजारे ट्रॉफी में राजस्थान के लिए शानदार प्रदर्शन किया था. हुड्डा को सीमित ओवर्स क्रिकेट में एक संभावित फिनिशर के रूप में देखा जा रहा है. वह चार साल पहले श्रीलंका में आयोजित निदाहास ट्रॉफी में भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें एक भी गेम खेलने को नहीं मिला.
हुड्डा ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, 'लोगों को आश्चर्य एवं बहुत बार संदेह होता था, लेकिन इरफान भाई हमेशा मुझे एक लाइन कहते थे, अपना टाइम आएगा.' मैं धीरे-धीरे इरफान और यूसुफ भाई के करीब आ गया. उन्होंने मुझे शांत रहना सिखाया और शांति की ताकत का अहसास कराया. एक युवा होने के नाते बेचैन होना स्वाभाविक था और मैं कोई अपवाद नहीं था. यह मेरे खेल में बाधा पहुंचा रहा था. मैंने उन चीजों को ज्यादा करने की कोशिश की, जिसकी जरूरत नहीं थी.'
हुड्डा ने याद किया कि कैसे इरफान ने उन्हें तैयारी और प्रोसेस का महत्व सिखाया, जिससे उन्हें एक अच्छी कार्य नीति बनाए रखने में मदद मिली. हुड्डा ने बताया, 'मुझे याद है कि इरफान भाई मुझे तैयारी और प्रोसेस के महत्व के बारे में बता रहे थे. जिम सत्र हो, नेट प्रशिक्षण और सख्त आहार को मैंने हमेशा बनाए रखा.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने उतार-चढ़ाव देखा और सभी को मालूम है कि बड़ौदा में क्या हुआ था. मैं पिछले साल दूसरे राज्य में चला गया. यह एक नई यात्रा थी, लेकिन राजस्थान ने मेरा स्वागत किया और मेहनत रंग लाई. मुझे शुरुआत में कोई जवाब नहीं मिला, मुझे क्यों चुना गया और क्यों हटा दिया गया. यह एक चुनौतीपूर्ण समय था. मैं जानना चाहता था कि मुझे क्यों नहीं चुना गया. मैं हताश हो गया था.'
हुड्डा ने कहा, 'मैं अनिल भाई को भी धन्यवाद देना चाहूंगा, क्योंकि पंजाब किंग्स ने मुझे दो आईपीएल सीजन में मौका दिया. वहां के लोगों ने देखा कि मुझमें अभी भी बहुत कुछ बाकी है. मैंने हमेशा खुद का समर्थन किया है. मुझे हमेशा विश्वास किया कि अपनी आखिरी सांस तक कोशिश करो.'