Advertisement

आखिरी बॉल पर कार्तिक का विजयी छक्का, मियांदाद का 32 साल पुराना जादू पड़ा फीका

यह क्रिकेट इतिहास में महज दूसरा मौका है, जब किसी टीम ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर किसी टूर्नामेंट का फाइनल जीत लिया.

मियांदाद और दिनेश कार्तिक मियांदाद और दिनेश कार्तिक
विश्व मोहन मिश्र
  • कोलंबो,
  • 19 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

रविवार रात दिनेश कार्तिक की करिश्माई बल्लेबाजी ने क्रिकेट की दुनिया में धूम मचा दी. कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में कार्तिक के बल्ले से 8 गेंदों में 29* (6, 4, 6, 0, 2, 4, 1, 6) रनों की बारिश ने बांग्लादेश की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर अनुभवी कार्तिक ने टीम इंडिया को निदहास ट्रॉफी दिला दी.

Advertisement

कार्तिक का कमाल, 8 गेंदों में 29 रन जड़कर बांग्लादेश से छीन लिया मैच

यह क्रिकेट इतिहास में महज दूसरा मौका है, जब किसी टीम ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर किसी टूर्नामेंट का फाइनल जीत लिया. इससे पहले 1986 में जावेद मियांदाद ने शारजाह में भारत के खिलाफ यह कारनामा किया था. और अब कार्तिक ने 32 साल बाद मियांदाद के उस बहुचर्चित छक्के को फीका कर दिखाया.

दरअसल, मियांदाद को उस वक्त जीत के लिए 4 रनों की जरूरत थी. ऐसे में उनके पास दो विकल्प थे- आखरी गेंद पर चौका लगाएं या फिर छक्का! आखिरकार उन्होंने चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का जड़कर ऑस्ट्रेलेशिया कप पर कब्जा कर लिया. इधर, कार्तिक के सामने आखिरी गेंद पर जीत के लिए 5 रन बनाने की चुनौती थी. ऐसे में छक्का ही 'एकमात्र उपाय' था. फिर क्या था कार्तिक ने सौम्य सरकार की गेंद को एक्स्ट्रा कवर पर उछालकर बांग्लादेश से जश्न मनाने का मौका छीन लिया.

Advertisement

आखिरी ओवर : कार्तिक ने ऐसी बीन बजाई कि बांग्लादेश भूला नागिन डांस

गौरतलब है कि भारत को आखिर में 12 गेंदों पर जीत के लिए 34 रनों की जरूरत थी. ऐसे में दिनेश कार्तिक ने क्रीज पर कदम रखा था. इससे पहले मुस्ताफिजुर रहमान पारी का 18वां ओवर मेडन विकेटओवर फेंक चुके थे. उस ओवर में विजय शंकर एक भी रन नहीं बना पाए. लेकिन रुबेल हुसैन ने 19वें ओवर में 22 रन लुटाए और मैच का रुख पलटा और आखिरी ओवर की अंतिम गेंद पर दिनेश कार्तिक विजेता बनकर लौटे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement