
Unmukt Chand: भारतीय क्रिकेट टीम को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान उन्मुक्त चंद ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर कर फैन्स के बीच सनसनी मचा दी है. 29 साल के उन्मुक्त ने पिछले साल अगस्त में भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. अब वह अमेरिका के लिए क्रिकेट खेल रहे हैं.
इसी बीच उन्मुक्त चंद ने ट्विटर पर अपनी दो फोटो शेयर कीं. इनमें साफ देखा जा सकता है कि उनकी आंख पर गंभीर चोट लगी है. हालांकि अच्छी बात यह है कि उनकी आंख बच गई है. यदि कुछ अनहोनी होती, तो उनका करियर भी बर्बाद हो सकता था.
भगवान ने बड़ी अनहोनी से बचाया है
उन्मुक्त चंद को यह चोट किस वजह से आई है, इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका है. इस प्लेयर ने फोटो शेयर करने के साथ पोस्ट में लिखा, 'एक एथलीट के लिए राह आसान नहीं होती है. कई बार आप जीतकर लौटते हैं, तो कई बार निराशा हाथ लगती है. मगर कई बार आप स्क्रैच और चोटों के साथ घर लौटते हैं. भगवान का आभारी हूं, जो उन्होंने बड़ी अनहोनी से बचाया है.'
उन्मुक्त ने अपनी पोस्ट में खिलाड़ियों से खेलने के साथ सावधानी रखने को भी कहा है. उन्होंने आगे लिखा, 'खूब खेलें, पर सुरक्षा का भी ध्यान रखें. दोनों के बीच एक पतली सी लाइन होती है. शुभकामनाओं के लिए आपका धन्यवाद.' बता दें कि उन्मुक्त बिग बैश लीग (BBL) खेलने वाले पहले भारतीय हैं.
2012 में अपनी कप्तानी में जिताया था अंडर-19 वर्ल्ड कप
उन्मुक्त ने 2012 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में नाबाद 111 रनों की कप्तानी पारी खेलकर भारतीय टीम को चैम्पियन बनाया था. उन्होंने भारत-ए टीम की भी कप्तानी की. उन्होंने अपने घरेलू करियर की शुरुआत 2010 में दिल्ली से की थी और वह 8 सीजन तक टीम के लिए खेले. इस दौरान वह दिल्ली की टीम के कप्तान भी रहे. बाद में उन्होंने उत्तराखंड के लिए भी घरेलू क्रिकेट खेला.
भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिल सका
उन्मुक्त चंद ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी भाग लिया था, जहां उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. वह आईपीएल के 21 मुकाबलों में 15 की औसत से महज 300 रन बना सके. उनको 2013 की आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए 30 सदस्यीय भारतीय टीम में जगह मिली थी. साथ ही उन्मुक्त 2014 टी20 वर्ल्ड कप के लिए 30 सदस्यीय टीम में भी चुने गए थे. लेकिन उन्हें कभी भी सीनियर टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला.