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सौरव गांगुली बोले- फुल टाइम CAG की जरूरत नहीं

सौरव गांगुली ने बोर्ड की एजीएम के बाद मीडिया से कहा कि सीएसी का ज्यादा काम नहीं है. हम सीएसी के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन सीएसी का काम चयनकर्ताओं और कोच की नियुक्ति करना है.

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की प्रेस कॉन्फ्रेंस (तस्वीर-ANI) बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की प्रेस कॉन्फ्रेंस (तस्वीर-ANI)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 01 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:28 PM IST

  • BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा CAC की जरूरत नहीं
  • CAC का ज्यादा काम नहीं, पूर्णकालिक रखने की क्या जरूरत
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रविवार को कहा कि पूर्णकालिक क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की जरूरत नहीं है क्योंकि इसे सीमित भूमिका ही निभानी होती है जिसमें केवल एक या दो बैठक की आवश्यकता होती है.

बीसीसीआई ने रविवार को सीएसी की नियुक्ति टाल दी और सौरव गांगुली ने कहा कि विवादास्पद हितों के टकराव का मुद्दा इसमें आड़े आ रहा है जिसे सीओए को भी लागू करना मुश्किल लगा था. सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और गांगुली को खुद सीएसी से इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि उन पर हितों के टकराव के आरोप लगे थे.

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सौरव गांगुली ने बोर्ड की एजीएम के बाद मीडिया से कहा कि सीएसी का ज्यादा काम नहीं है. हम सीएसी के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन सीएसी का काम चयनकर्ताओं और कोच की नियुक्ति करना है. इसलिए एक बार आप चयनसमिति नियुक्त कर लेते हो तो यह चार साल के लिए बरकरार रहती है और जब आप कोच नियुक्त करते हो तो वह तीन साल के लिए रहता है. इसलिये पूर्णकालिक सीएसी रखने की क्या जरूरत?

CAC मानद पद, किस आधार पर भुगतान?

सौरव गांगुली ने कहा कि अभी तक यह सीएसी मानद पद है इसलिए अगर आप भुगतान भी करते हो तो आप किस आधार पर भुगतान करोगे. इसमें नियमित काम नहीं है. इसलिए सीएसी में हितों का टकराव है तो मुझे नहीं लगता कि यह बेहतर होगा या नहीं. इसमें केवल एक ही बैठक होती है.

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बीसीसीआई प्रमुख ने कहा कि वे हितों के टकराव के मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए उच्चतम न्यायालय का रूख करेंगे. सौरव गांगुली ने कहा कि हितों का टकराव सभी को रोक रहा है, इसलिए हम सीएसी नहीं बना सकते. इसलिए हम उचित चयनकर्ता नहीं ला सकते.

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