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Team India Future: कैसी बनेगी फ्यूचर की टीम इंडिया..? बल्लेबाजों की भरमार, लेकिन तेज गेंदबाजी नहीं दिख रही असरदार

पिछले 8 टेस्ट मैचों की बात करें तो टीम इंडिया ने 6 टेस्ट मैचों में हार झेली है, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर में 0-3 से 'व्हाइटवॉश' भी शामिल है. अब सवाल उठता है कि भविष्य की टीम इंडिया कैसी होगी? वैकल्पिक खिलाड़ियों की सूची देखें तो यह पता चलता है कि टीम के भविष्य के लिए बल्लेबाजी से ज्यादा चिंताजनक स्थिति गेंदबाजी को लेकर है.

Shubman Gill and Nitish Kumar Reddy (Getty) Shubman Gill and Nitish Kumar Reddy (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज गंवाने के साथ ही भारतीय टीम अनचाहे मील के पत्थर की ओर बढ़ती जा रही है. घर हो या बाहर... हारने का सिलसिला बरकरार है. पिछले 8 टेस्ट मैचों की बात करें तो टीम इंडिया ने 6 टेस्ट मैचों में हार झेली है, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर में 0-3 से 'व्हाइटवॉश' भी शामिल है. अब सवाल उठता है कि भविष्य की टीम इंडिया कैसी होगी? बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है. भारतीय टीम के लिए दरवाजा खटखटा रहे खिलाड़ियों की सूची देखें तो यह पता चलता है कि टीम के भविष्य के लिए बल्लेबाजी से ज्यादा चिंताजनक स्थिति गेंदबाजी को लेकर है. 

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टेस्ट टीम पर कोई भी फैसला हालांकि फरवरी में घरेलू सीजन के खत्म होने या जून में इंग्लैंड दौरे से पहले होगा. भारतीय टीम को अपना अगला टेस्ट जून में इंग्लैंड में खेलना है. ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म होने के बाद भारतीय टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर नजर डालें तो कई फैक्ट्स सामने आते हैं.    

खराब फॉर्म से गुजर रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली का टेस्ट भविष्य अधर में लटक गया है. राष्ट्रीय चयन समिति के पास इन दोनों की जगह लेने के लिए कुछ अच्छे विकल्प मौजूद है. लेकिन बात जब गेंदबाजी की आती है और खासकर तेज गेंदबाजी की तो बदलाव के दौर से गुजर रही टीम की स्थिति ज्यादा उत्साहजनक नहीं दिख रही है.टीम को जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा जैसे गेंदबाजों को तैयार करने में काफी समय लग सकता है. मौजूदा गेंदबाज अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन कहीं से भी इन तीनों नामों के करीब नहीं है. 

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सच तो यह है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह को दूसरे छोर से साथ नहीं मिला, जिससे उनका वर्कलोड बढ़ गया. वह पीठ में चोट होने के कारण टीम के लिए निर्णायक पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके. अगर वह पूरी तरह ठीक होते तो सिडनी की कहानी कुछ और हो सकती थी. मोहम्मद सिराज 36 टेस्ट खेलने के बाद भी मैच का रुख बदलने वाले गेंदबाज नहीं बन पाए हैं. प्रसिद्ध कृष्णा के पास अच्छी गति है, लेकिन वह लगातार सही लाइन-लेंथ पर गेंदबाजी करने में विफल रहते हैं. आकाश दीप और मुकेश कुमार के पास कौशल है, लेकिन खेल के बड़े स्तर पर खुद को साबित करने का उन्हें अभी पर्याप्त मौके नहीं मिले हैं.

घरेलू टूर्नामेंट खास कर रणजी सर्किट में भी देखें तो चयनकर्ताओं के पास इस मामले में अच्छे विकल्पों की कमी है. सबसे बड़ी समस्या बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की है. अर्शदीप सिंह सीमित ओवरों के मैचों में खुद को साबित कर चुके हैं, लेकिन लाल गेंद से उतने प्रभावी नहीं रहे हैं. यश दयाल और खलील अहमद भी भरोसा हासिल करने वाला प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं.

बल्लेबाजी की ओर देखते हैं तो इसमें कुछ अच्छे बेंच स्ट्रेंथ मौजूद है. चयन समिति अगर रोहित और कोहली से टीम से बाहर करने का फैसला करती है या दोनों संन्यास की घोषणा करते हैं तो टीम में इन दो स्थानों के लिए दावेदारी करने वाले कई बल्लेबाज तैयार हैं. इसमें सबसे प्रमुख दावेदार तमिलनाडु के साई सुदर्शन (Sai Sudharsan) हो सकते हैं. इस खब्बू बल्लेबाज ने मैके (Mackay) में ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ भारत-ए के लिए खेलते हुए ध्यान खींचा था. वह हालांकि इन दिनों स्पोर्ट्स हर्निया के ऑपरेशन के कारण रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे हैं. टीम में बाएं हाथ के एक और विकल्प देवदत्त पडिक्कल हैं. पडिक्कल को कुछ टेस्ट मैच खेलने का भी अनुभव है.

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अभिमन्यु ईश्वरन को बाट जोहते तीन साल हो गए हैं, लेकिन भारतीय क्रिकेट जगत में यह धारणा है कि वह SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में बड़ी चुनौतियों के लिए तैयार नहीं हैं. इसका प्रमाण हालिया सीरीज है. टीम के साथ होने के बाद भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान प्लेइंग इलेवन के लिए कभी भी उनका दावा मजबूत नहीं समझा गया.

सरफराज खान की तेज गेंदबाजों के खिलाफ कमजोरी जगजाहिर है.  न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट में पुणे और मुंबई में जिस तरह से वह आउट हुए, उसने मौजूदा टीम प्रबंधन की चिंताओं को बढ़ा दिया. टेस्ट टीम में जगह के लिए जो तीन नाम सबसे बड़े दावेदार है उनमें चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़, तीन टेस्ट का अनुभव रखने वाले रजत पाटीदार और मुंबई के श्रेयस अय्यर शामिल हैं. अय्यर की समस्या शॉर्ट गेंद रही है, जबकि पाटीदार ने पिछले साल घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे.

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