
Manoj Tiwary on Gautam Gambhir: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 12 टेस्ट और 3 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी सुर्खियों में छाए हुए हैं. उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी और भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर भद्दा कमेंट किया है. इसी बीच अब गंभीर के बचाव में भारतीय टीम के दो स्टार प्लेयर नीतीश राणा और हर्षित राणा उतर आए हैं.
तिवारी ने न्यूज18 बांग्ला से बात करते हुए गंभीर पर हमला बोला और उन्हें हिप्पोक्रेट्स (पाखंडी) तक कह दिया है. इतना ही नहीं मनोज ने गंभीर को झूठा भी कहा. दरअसल, गंभीर ने अपनी कप्तानी में IPL टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को 2 खिताब (2012, 2014) जिताए हैं.
इस पर भी मनोज ने बयान देते हुए कहा कि पूरा क्रेडिट गंभीर को दिया जाता है. यह उनकी PR रणनीति है. जबकि टीम को जीत दिलाने में मैंने और बाकी खिलाड़ियों ने भी पूरा योगदान दिया है. इसी कड़ी में KKR टीम के पूर्व कप्तान नीतीश राणा ने गंभीर का सपोर्ट किया.
क्या कहा पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज ने?
मनोज ने कहा, 'गौतम गंभीर हिप्पोक्रेट्स (पाखंडी) हैं. वह जो कहते हैं, वो करते नहीं हैं. कप्तान (रोहित) कहां से हैं? मुंबई से. अभिषेक नायर कहां से हैं? मुंबई से. उन्हें मुंबई के खिलाड़ी को आगे रखने का मौका मिला. जलज सक्सेना के लिए बोलने वाला कोई नहीं है. वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन चुप रहते हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'मॉर्ने मोर्केल लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) से आए हैं. अभिषेक नायर कोलकाता नाइट राइडर्स में गंभीर के साथ थे और भारतीय मुख्य कोच उनके साथ सहज हैं. उन्हें कोच की हां में हां मिलाना चाहिए. इसीलिए उन्हें लाया गया है.'
मनोज ने कहा, 'KKR को अकेले गंभीर की कप्तानी ने खिताब नहीं जिताया. हम सभी ने एक टीम के रूप में प्रदर्शन किया. जैक्स कैलिस, मनविंदर बिस्ला और मैंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया और सुनील नरेन ने बेहतरीन गेंदबाजी की. यही कारण है कि हमने पहला IPL खिताब (2012) जीता. लेकिन इसका श्रेय किसने लिया? ऐसा माहौल और PR है जो उन्हें सारा क्रेडिट लेने की अनुमति देता है.'
नीतीश-हर्षित ने इस अंदाज में दिया जवाब
इसी कड़ी में नीतीश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बगैर मनोज का नाम लिए उन्हें जवाब दिया है. नीतीश ने लिखा, 'आलोचना हमेशा तथ्य पर होनी चाहिए न की पर्सनल दुश्मनी पर. अब तक मैं जितने नि:स्वार्थ खिलाड़ियों से मिला हूं, उनमें से एक गौती भैया हैं. जरूरत के समय उन्होंने हमेशा साथ दिया और कंधों पर जिम्मेदारी उठाई है. परफॉर्मेंस को PR की जरूरत नहीं है. ट्रॉफी सबकुछ बोलती है.'
हर्षित ने कहा, 'व्यक्तिगत असुरक्षा के कारण किसी पर ऐसे कमेंट करना सही नहीं है. गौती भैया वो हैं, जो खुद से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं. जब खिलाड़ी मुश्किल में होता है, तब वो हमेशा सपोर्ट करते हैं. उन्होंने ऐसा कई बार किया है. खेल को किस तरह अपने पक्ष में किया जाता है, इस बात का उन्हें काफी अनुभव है.'