
भारतीय क्रिकेट टीम ने 1983 के बाद 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता था. पहले कपिल देव कप्तान थे. दूसरी बार महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खिताब जीता था. 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल 2 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था, जिसमें श्रीलंका को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी थी.
यह फाइनल बेहद रोमांचक था. इस खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया के ओपनर गौतम गंभीर ने 97 रन की मैच विनिंग पारी खेली थी. वह शतक से चूक गए थे. इस ऐतिहासिक मुकाबले को देखने के लिए फैन्स के बीच टिकट्स को लेकर जमकर मारामारी हुई, लेकिन गंभीर की पत्नी को जरा भी इंट्रेस्ट नहीं था.
इसका खुलासा खुद गंभीर ने किया है. उन्होंने कहा कि तब उनकी गर्लफ्रेंड रहीं नताशा (अब पत्नी हैं) को टिकट्स के बारे में पूछा था. इस पर नताशा ने पूछा था कि क्या है बेहद जरूरी मैच है? यह एक क्रिकेट मैच ही तो है. इतना कहकर वह मैच देखने नहीं आईं. उन्हें आज भी इस बात का पछतावा है.
नताशा को फाइनल नहीं देखने का आज भी अफसोस है
गंभीर ने जतिन सप्रू के यूट्यूब चैनल पर कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ हमने मोहाली में सेमीफाइनल मैच जीत लिया था. तब हम फाइनल के लिए मुंबई रवाना हो रहे थे. तब मैंने नताशा से पूछा था कि क्या तुम फाइनल देखने के लिए आ रही हो? तब उन्होंने कहा था कि सोचकर बताती हूं. फिर नताशा ने दोबारा फोन किया और पूछा- 'क्या यह जरूरी है? यह सिर्फ एक मैच ही तो है.' नताशा ने पूछा कि और कौन आ रहा है मुंबई. क्या मेरी बहन और भाई आएंगे. इस तरह उसके भाई और बहन ही आए.
मैच जीतने के बाद नताशा को महसूस हुआ की पूरा देश जश्न मना रहा है. नताशा ने फिर फोन करके पूछा कि पूरा देश जश्न क्यों मना रहा है? तब मैंने बताया कि हम कई सालों बाद वर्ल्ड कप जीते हैं. गंभीर ने कहा कि आज भी नताशा को टिकट्स नहीं लेने और फाइनल नहीं देखने आने का अफसोस है, जबकि उसके भाई और बहन ने मैच देखा था.