Advertisement

कोहली बोले- पृथ्वी की तुलना मत करो, क्रिकेटर के तौर पर उभरने दो

सीरीज का पहला टेस्ट राजकोट में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया ने ढाई दिन में ही पारी और 272 रनों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी. अब वह इंडीज का क्लीन स्वीप करने के लिए तैयार है.

विराट कोहली (BCCI) विराट कोहली (BCCI)
विश्व मोहन मिश्र
  • हैदराबाद,
  • 11 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ की किसी दूसरे से तुलना नहीं करना चाहिए और उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने देना चाहिए. शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में अपने डेब्यू मैच में ही 134 रन बनाए, जिसके बाद उनकी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग से तुलना की जाने लगी थी.

Advertisement

वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से एक दिन पहले कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उसको लेकर अभी किसी फैसले पर पहुंच जाना चाहिए. आपको इस युवा खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान देना चाहिए. वह बेहद प्रतिभाशाली है और जैसा हर किसी ने देखा कि वह कौशल से परिपूर्ण है.’

उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि उसने पहले मैच में जैसा प्रदर्शन किया उसकी पुनरावृत्ति करे. वह सीखने का इच्छुक है और तेजतर्रार है. वह परिस्थिति का अच्छी तरह से आकलन करता है। हम सभी उसके लिए खुश हैं.’

कोहली ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर से भी सहमति जताई, जिन्होंने बुधवार को कहा था कि लोगों को पृथ्वी की तुलना वीरेंद्र सहवाग से नहीं करनी चाहिए.

कोहली ने कहा, ‘हमें अभी उसकी तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए. हमें उसे ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए जहां वह किसी तरह का दबाव महसूस करे. उसे हमें वह स्थान देना चाहिए जहां वह अपने खेल का लुत्फ उठाए और धीरे-धीरे ऐसे खिलाड़ी के रूप में तैयार हो जैसा हम सभी चाहते हैं.’

Advertisement

आईपीएल, भारत-ए के दौरों और अंडर-19 टूर्नामेंट के सीधे प्रसारण से युवा जल्द ही अपनी पहचान बना रहे हैं और कोहली ने स्वीकार किया कि अब वे दबाव सहने के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर यह एक कारण हो सकता है क्योंकि वे उस माहौल में खेल चुके होते हैं जिसमें की अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाता है. लेकिन देश की तरफ से खेलने का हमेशा दबाव होता है. जब आप सुबह यह कैप पहनते हो तो आप थोड़ा नर्वस रहते हो और मुझे लगता है कि हर कोई यह दबाव महसूस करता है.’

कोहली ने कहा, ‘लेकिन यह दबाव 10-15 साल पहले जैसा नहीं है, जब आपको इस तरह की क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं रहता था और अचानक ही आपको भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करना होता था.’

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement