
साल 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप का खिताब जीता था. साल 1983 के बाद ये पहली बार था जब टीम इंडिया ने 50 ओवर का वर्ल्डकप जीता. यानी कि भारतीय टीम 28 साल के सूखे को खत्म करने में सफल रही थी. इस यादगार जीत में खिलाड़ियों के अलावा एक और शख्स का बहुत बड़ा योगदान था.यह शख्स कोई और नहीं... साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर और उस समय भारतीय टीम के कोच रहे गैरी कर्स्टन हैं. गैरी कर्स्टन ने पर्दे के पीछे रहकर भारतीय टीम को चैम्पियन बनाने में अहम किरदार निभाया था. गैरी कर्स्टन 23 नवंबर (आज) अपना 55वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं.
कर्स्टन ने भारत को बुलंदियों पर पहुंचाया
गैरी कर्स्टन 1 मार्च 2008 को टीम इंडिया के हेड कोच बने थे. पद संभालने से पहले कर्स्टन को कोचिंग के क्षेत्र में कुछ अनुभव नहीं था, लेकिन मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर वह भारतीय टीम के सफलतम कोचों में से एक बन गए. जब कर्स्टन टीम इंडिया के कोच बने थे तो खासकर वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम खराब दौर से गुजर रही थी. लेकिन गैरी कर्स्टन ने ड्रेसिंग रूम के अंदर ऐसा माहौल बनाया, जिसके चलते भारत ने अपार सफलताएं हासिल कीं. कर्स्टन की कोचिंग में साल 2009 में भारतीय टीम पहली बार टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन बनी. फिर 2011 का वर्ल्ड कप जीत तो काफी स्पेशल था. साल 2011 विश्व कप के बाद कर्स्टन ने भारतीय टीम के कोच का पद छोड़ दिया था क्योंकि वह अपने परिवार के साथ टाइम बिताना चाहते थे.
कर्स्टन ने शेयर किया था मजेदार किस्सा
कर्स्टन के टीम इंडिया कोच बनने का वाकया भी काफी मजेदार था और उन्हें सिर्फ 7 मिनट तक चले इंटरव्यू के बाद भारतीय टीम का कोच बना दिया गया. कर्स्टन ने खुद एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था. कर्स्टन ने एक पॉडकास्ट में कहा था, 'मुझे सुनील गावस्कर का ई-मेल मिला था कि क्या मैं भारतीय टीम का कोच बनना चाहूंगा. मुझे लगा कि यह मजाक है. मैंने इसका जवाब भी नहीं दिया। उन्होंने फिर मुझे एक और मेल भेजा जिसमें लिखा था कि क्या आप साक्षात्कार के लिये आना चाहेंगे.'
कर्स्टन कहते हैं, 'चयन पैनल में शामिल रवि शास्त्री ने मुझसे कहा कि गैरी हमें यह बताएं कि आप बतौर प्लेयर भारतीय टीम को हराने के लिए क्या करते थे. मुझे लगा कि माहौल हल्का करने के लिए यह बहुत अच्छा था क्योंकि मैं इसका उत्तर दे सकता था और मैंने दो तीन मिनट में उसका जवाब दिया भी पर मैंने ऐसी किसी रणनीति का जिक्र नहीं किया जो हम उस दिन उपयोग कर सकते थे. शास्त्री और बोर्ड के अन्य सदस्य काफी प्रभावित थे. मेरा साक्षात्कार केवल सात मिनट तक चला था.'
ऐसा रहा गैरी कर्स्टन का करियर
बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज गैरी कर्स्टन साउथ अफ्रीका के लिए 101 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 45.27 की औसत से 7289 रन बनाए. इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 275 रहा. अपने टेस्ट कैरियर में गैरी ने 21 शतक और 34 अर्धशतक लगाए थे. वनडे इंटरनेशनल में भी गैरी का जवाब नहीं था.
गैरी कर्स्टन ने 185 वनडे इंटरनेशनल मैच खेलकर 6798 रन बनाए, जिसमें 13 शतक और 45 अर्धशतक शामिल रहे. वनडे इंटरनेशनल में गैरी कर्स्टन का बेस्ट स्कोर नाबाद 188 रन रहा, जो उन्होंने यूएई के खिलाफ 1999 के वर्ल्ड कप में बनाया था. खास बात यह है कि गैरी कर्स्टन के नाम अब भी साउथ अफ्रीका के लिए वनडे इंटरनेशनल में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है.
सचिन का लपका था अद्भुत कैच
गैरी कर्स्टन का शुमार जहां साउथ अफ्रीका के बेहतरीन बल्लेबाजों में होता है. वहीं कर्स्टन एक शानदार फील्डर भी थे और मैदान पर उनकी चपलता का कोई जवाब नहीं था. एक बार गैरी कर्स्टन ने सचिन तेंदुलकर का ऐसा कैच पकड़ा था जो आज भी फैन्स के जेहन में होगा. कर्स्टन ने यह कैच साल 1996 में डरबन में खेले गए टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी में शॉन पोलाक की बॉल पर लिया था. कर्स्टन के उस कैच की गिनती टेस्ट क्रिकेट के बेस्ट कैचों में होती है.