
पिछले साल सितंबर में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के प्रैक्टिस सेशन के दौरान जब कुलदीप यादव फील्डिंग कर रहे थे, तो वह नहीं जानते थे कि कुछ ही सेकेंड में घुटना मुड़ने से उन्हें इतने दिनों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ेगा.
दुबई में प्रैक्टिस कैंप में मौजूद लोग उनकी हालत देखकर डर गए थे. क्याोंकि वह दर्द से कराह रहे थे और उन्हें स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया गया. एक हफ्ते के अंदर मुंबई में उनके घुटने की सर्जरी की गई. जिसके बाद उनके प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी में लगने वाले समय का अंदाजा नहीं था.
कोरोना के कारण वापसी में और देरी हुई
कुलदीप भारतीय टीम में अपनी वापसी के बाद प्रार्थना करने के लिए गुरुवार को अपने परिवार के साथ मथुरा गए. कुलदीप को भारतीय टीम में वापसी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता था, क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर के चलते रणजी ट्राफी को स्थगित कर दिया है, जिसमें उन्हें उत्तर प्रदेश की अगुआई करनी थी.
कुलदीप के लिए आगे की डगर मुश्किल
पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह से जब कुलदीप से उनकी उम्मीदों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘कुलदीप के लिए आगे की डगर काफी मुश्किल होगी. उसके पास चोट से वापसी के बाद कोई भी उचित घरेलू मैच नहीं है और ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करना आसान नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘वह सर्जरी से पहले भी नियमित रूप से नहीं खेल रहे थे और जब आप सीमित ओवरों की क्रिकेट में वापसी करते हो तो सबसे पहले आपके दिमाग में बस एक बात होती है, मेरी गेंद पर बल्लेबाज हिट नहीं करे. इसलिए यह एक संतुलन बनाने की बात है, क्योंकि आप साफ तौर पर कई तरह की असुरक्षा से निपट रहे होते हो. यह मानसिक मजबूती और संयम का परीक्षण होता है.’
कुलदीप 1-2 विकेट मिलते ही हावी होने लगते हैं
हरभजन ने कहा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं. अगर उन्हें शुरूआती एक दो विकेट मिल जाते हैं तो वह एक अलग ही गेंदबाज होंगे, लेकिन हो सकता है चीजें योजना के अनुसार नहीं चलें. उन्हें लय हासिल करने में कुछ समय लग सकता है. पर मेरा सुझाव यही होगा कि अगर आपने पिछले प्रदर्शन को देखकर उन पर भरोसा दिखाया है तो उन्हें काफी समय दीजिए और भरोसा दिखाइए. वह ऐसा गेंदबाज है जो भारत के लिये अच्छा प्रदर्शन कर सकता है.’
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने अपवाद स्वरूप कुलदीप को मैच फिटनेस साबित किए बिना ही टीम में शामिल कर लिया है, क्योंकि इस समय कोई घरेलू क्रिकेट नहीं हो रहा है और ऐसा खिलाड़ियों के साथ कम ही होता है.
कुलदीप के बचपन के कोच कपिल पांडे ने इस कलाई के स्पिनर को नौ साल की उम्र से तराशा है. उन्होंने कहा, ‘मेरा लड़का (कुलदीप) मानसिक रूप से काफी मजबूत है. उसके कौशल में मामूली सी भी कमी नहीं आई है. हां, वह जितनी गेंदबाजी करेगा, उतना ही सुधार करेगा.’ यह पूछने पर कि सर्जरी के बाद वापसी के दौरान वह प्रत्येक दिन कितने ओवर गेंदबाजी कर रहा था तो उन्होंने कहा कि तीन अभ्यास मैचों में उसने एक दिन में 15 से 20 ओवर तक गेंदबाजी की.