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कोच पर महिला टीम में दरार, पोवार के समर्थन में आईं हरमनप्रीत और स्मृति

हरमनप्रीत ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि टी-20 कप्तान और एकदिवसीय उप कप्तान के रूप में मैं आपसे अपील करती हूं कि पोवार को हमारी टीम के कोच के रूप में आगे भी बरकार रहने की मंजूरी दी जाए.

हरमनप्रीत-स्मृति (फोटो साभार: BCCI) हरमनप्रीत-स्मृति (फोटो साभार: BCCI)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:22 AM IST

कोच रमेश पोवार के कार्यकाल के विवादित अंत के बाद सोमवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम भी बंटी हुई नजर आई. टी-20 कप्तान हरमनप्रीत कौर और उप कप्तान स्मृति मंधाना ने सीनियर खिलाड़ी मिताली राज के साथ मतभेद के बावजूद कोच पोवार की वापसी की मांग की है. प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने बताया कि हरमनप्रीत और स्मृति ने पोवार को 2021 तक कोच बनाने का समर्थन किया है.

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रमेश पोवार का अंतरिम कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो चुका है और बीसीसीआई पहले ही इस पद के लिए नए आवेदन मांग चुका है. पोवार अब दोबारा आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं. विनोद राय ने पीटीआई से कहा कि हां, उन्होंने पत्र लिखा है कि वे चाहते हैं कि रमेश पोवार कोच के पद पर बने रहें. हरमनप्रीत और स्मृति ने भले ही पोवार का कार्यकाल बढ़ाने का समर्थन किया है लेकिन एकता बिष्ट और मानसी जोशी के अलावा एकदिवसीय कप्तान मिताली पोवार को फिर से कोच बनाने के खिलाफ हैं.

कोच के समर्थन में चिट्ठी

हरमनप्रीत ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि टी-20 कप्तान और एकदिवसीय उप कप्तान के रूप में मैं आपसे अपील करती हूं कि पोवार को हमारी टीम के कोच के रूप में आगे भी बरकार रहने की मंजूरी दी जाए. अगले टी-20 विश्व कप में बामुश्किल 15 महीने और न्यूजीलैंड दौरे पर जाने के लिए एक महीना है. एक टीम के रूप में वे जिस तरह हमारे अंदर बदलाव लाए हैं उसे देखते हुए मुझे उन्हें बदलने का कोई कारण नजर नहीं आता.

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बीसीसीआई के पदाधिकारियों को भी भेजे गए इस पत्र में हरमनप्रीत और स्मृति ने कहा है कि अगस्त में पोवार की पूर्णकालिक कोच के रूप में नियुक्ति के बाद से टीम में काफी सुधार हुआ है. हरमनप्रीत ने कहा कि सेमीफाइनल में हमारी हार दिल तोड़ने वाली थी और यह देखकर हमारी परेशानी और बढ़ गई कि आखिर कैसे हमारी छवि को नुकसान पहुंचाया गया. उन्होंने कहा कि रमेश पोवार सर ने ना सिर्फ खिलाड़ी के रूप में हमारे अंदर सुधार किया बल्कि हमें प्रेरित किया कि हम खुद को चुनौती देने के लिए लक्ष्य बनाएं.

अपने फैसले का किया बचाव

कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि पोवार ने तकनीकी और रणनीतिक रूप से भारतीय महिला क्रिकेट टीम के चेहरे में बदलाव किया. वह हमारे अंदर जीत की धारणा लेकर आए. हरमनप्रीत ने फिर से दोहराया कि मिताली को बाहर करना टीम प्रबंधन का फैसला था.

उन्होंने कहा, ‘मिताली राज को बाहर करने के संदर्भ में, रमेश पोवार अकेले इसके लिए जिम्मेदार नहीं थे. उस समय की जरूरत को देखते हुए मैंने, स्मृति, चयनकर्ता (सुधा शाह) और कोच ने हमारे मैनेजर की मौजूदगी में महसूस किया कि हमें विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ उतरना चाहिए.’ स्मृति ने भी इस विवादास्पद मामले में हरमनप्रीत के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि पोवार ने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनाया.

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उन्होंने कहा कि पोवार के आने के बाद से, उन्होंने सहयोगी स्टाफ के साथ मिलकर एक टीम के रूप में हमारा मनोबल बढ़ाया जिससे हम लगातार 14 टी-20 मैच जीतने में सफल रहे. उन्होंने खिलाड़ियों को आत्मविश्वास दिया.

क्या है पूरा मामला

इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में मिताली को अंतिम एकादश से बाहर रखने की बात ने बड़े विवाद का रूप ले लिया और इस मामले में कोच पोवार से टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन की रिपोर्ट मांगी गई. इसके कुछ समय बाद मिताली ने मंगलवार को टीम के कोच रमेश पोवार और प्रशासकों की समिति (सीओए) की अध्यक्ष डायना एडुलजी को आड़े हाथों लिया है. पूर्व कप्तान ने कहा है कि इन दोनों का उन्हें बाहर बैठाने में बड़ा हाथ है.

मिताली के इस आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पोवार ने उन्हीं पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा 'मुझे आशा है कि मिताली कोचों को ब्लैकमेल करना और उन पर दबाव डालना बंद करते हुए खुद से पहले टीम के हित के बारे में सोचना शुरू करेंगी.

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