
भारत ने युजवेंद्र चहल (25/6) की रिकॉर्ड गेंदबाजी की बदौलत बंगलुरु में खेले गए तीसरे निर्णायक टी-20 मुकाबले में इंग्लैंड को 75 रनों से हराकर तीन मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली. भारत से मिले 203 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड टीम 16.1 ओवरों में 127 रन बनाकर ढेर हो गई.
चहल को 'मैन ऑफ द मैच' और 'मैन ऑफ सीरीज' दोनों अवॉर्ड मिले. चहल ने अपने चार ओवरों के कोटे में 25 रन देकर छह विकेट चटकाए. अंतरराष्ट्रीय टी-20 में युजवेंद्र किसी एक पारी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज बन गए. इस मामले में वह दुनिया में तीसरे स्थान पर रहे. उनसे आगे सिर्फ श्रीलंका के अजंता मेंडिस ही हैं.
अंतरराष्ट्रीय टी-20 में किसी एक पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड अजंता मेंडिस के नाम है, जो उन्होंने दो बार किया है. मेंडिस ने सितंबर, 2012 में जिम्बाब्वे के खिलाफ आठ रन देकर छह विकेट लिए थे. इससे पहले अगस्त, 2011 में मेंडिस ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 16 रन देकर छह विकेट लिए थे.
मैच के बाद चहल ने कहा, 'बहुत अच्छा लग रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय टीम की ओर से मैं पहली बार बंगलुरु में खेल रहा था, जो मुझे हमेशा से अपने घर जैसा लगा. आईपीएल में मैं पॉवरप्ले के दौरान गेंदबाजी कर चुका हूं और कोहली ने मुझमें विश्वास दिखाया. लेकिन सोचा भी नहीं था कि छह विकेट मिल जाएंगे.'
उल्लेखनीय है कि चहल आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लोर का हिस्सा रह चुके हैं, जिसके कप्तान कोहली रहे. इंग्लैंड एक समय 13 ओवरों में दो विकेट पर 117 रन बनाकर मजबूत स्थिति में नजर आ रहा था. लेकिन 14वें ओवर में चहल ने लगातार दो गेंदों पर इयान मोर्गन (40) और जोए रूट (42) के विकेट चटकाकर मैच का रुख ही पलट दिया.
इंग्लैंड को सैम बिलिंग्स के रूप में पहला झटका आठ के कुल स्कोर पर लगा. बिलिंग्स खाता खोले बगैर चहल की गेंद सुरेश रैना को थमा चलते बने. हालांकि इसके बाद जेसन रॉय (32) ने रूट के साथ 9.72 की रन गति से 47 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम को पटरी पर ला दिया. जेसन रॉय के आउट होने के बाद रूट ने कप्तान मोर्गन के साथ 8.93 की रन गति से 64 रन जोड़ते हुए अपनी टीम को जीत को मजबूती से बढ़ाना जारी रखा.
लेकिन चहल के हाथों 14वें ओवर में दोनों बल्लेबाज लगातार दो गेंदों पर पवेलियन लौटे और इसके साथ ही इंग्लैंड के हाथों से जीत फिसल गई. रूट ने 37 गेंदों में चार चौके और दो छक्के लगाए, जबकि मोर्गन ने 21 गेंदों की पारी में दो चौके और तीन छक्के जड़े. इंग्लैंड के आखिरी आठ विकेट मात्र आठ रन जोड़ने में 18 गेंद के भीतर गिर गए. चहल के अलावा जसप्रीत बुमराह ने तीन विकेट चटकाकर जीत में अहम भूमिका निभाई.