
क्रिकेट में अहम मौकों पर मैच गंवाने के कारण ‘चोकर्स’ का तमगा पाने वाली दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम 30 मई से इंग्लैंड में शुरू हो रहे वर्ल्ड कप में गेंदबाजों के दमखम से जीत दर्ज कर इतिहास रचना चाहेगी. दक्षिण अफ्रीका के लिए यह 8वां क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट होगा, जहां गेंदबाजी में युवा कैगिसो रबाडा और अनुभवी इमरान ताहिर के दम पर वह इस खेल के सबसे बड़े खिताब को अपने नाम कर ‘चोकर्स’ के तमगे से छुटकारा पाना चाहेगी.
दक्षिण अफ्रीका टीम पर ‘चोकर्स’ का तमगा 1999 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला गंवाने के बाद से नहीं हटा है. टीम चार बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची है, लेकिन खिताबी मुकाबले में एक बार भी जगह नहीं बना पाई. टीम के पूर्व परफॉर्मेंस डायरेक्टर पैडी उपटन ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका को ‘चोकर’ के तमगे के कारण खुद का कमतर आंकना के बजाय इसे स्वीकर कर अंडरडॉग (छुपा रुस्तम) की तरह टूर्नामेंट में जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका के लिए ‘चोकर्स’ का तमगा थोड़ा ज्यादा है और यह अनुचित भी है. मुझे पता है कि दक्षिण अफ्रीका ने संघर्ष किया है और वे बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. वे आने वाले समय के साथ इन बड़े टूर्नामेंटों को जीतेगी.’ उपटन ने कहा, ‘उन्हें ‘चोकर्स’ तमगे से दूर भागने की जरूरत नहीं, लेकिन उन्हें बस अपने खेल पर पर ध्यान देने की जरूरत है.’
इंग्लैंड के हालात को देखें तो दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजी आक्रमण में तेज और स्पिन गेंदबाजी का अच्छा मिश्रण है जो काफी संतुलित है. दिग्गज तेज गेंदबाज स्टेन, युवा तेज गेंदबाज कैगिसो रबाडा और लेग स्पिनर ताहिर के प्रदर्शन पर टीम काफी हद तक निर्भर रहेगी. स्टेन अगर पूरी तरह फिट हुए काफी घातक हो सकते हैं.
रबाडा और ताहिर दुनिया के शीर्ष पांच वनडे गेंदबाजों में से हैं, जिन्होंने हाल ही में आईपीएल में अपनी फ्रेंचाइजी के लिए प्रभावी प्रदर्शन किए हैं. लय में चल रहे रबाडा के पास गति और विविधता है, जिससे वह नई और पुरानी गेंद उनकी शानदार पकड़ है. लुंगी नगिदी ने भी कम समय में अपनी प्रतिभा का लोहा मनावाया है.
वर्ल्ड कप में जीत की दावेदारी करने वाली किसी भी टीम को कलाई के बेहतरीन स्पिनर की जरूरत होगी और ताहिर ने 98 वनडे में 24 की औसत से 162 विकेट चटकाए है. शानदार गेंदबाजी आक्रमण के कारण दक्षिण अफ्रीका सातवें क्रम पर हरफनमौला एंडिले फेहलुकवायो को मौका दे सकता है, जिन्होंने 2015 के बाद से 31.3 की औसत से रन बनाने के साथ गेंद से 29.8 की औसत से विकेट चटकाए है.
एबी डिविलियर्स जैसे अनुभवी मैच विजेता बल्लेबाज के संन्यास के बाद दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजों पर निर्भरता ज्यादा रहेगी. टीम में हालांकि फाफ डु प्लेसिस, हाशिम आमला, क्विंटन डि कॉक, जेपी डुमिनी जैसे अनुभवी बल्लेबाज हैं.
डु प्लेसिस, अमला, डुमिनी, ताहिर और स्टेन अपना तीसरा विश्व कप खेलेंगे जबकि डि कॉक और डेविड मिलर दूसरी बार इस टूर्नामेंट में अपना दमखम दिखाएंगे.पिछले वर्ल्ड कप के बाद डुप्लेसिस ने 60.4 की औसत से 2777 रन बनाए और उनकी कप्तानी मे टीम ने 13 में से 11 सीरीज में जीत दर्ज की. वर्ल्ड कप में हालांकि पिछले रिकॉर्ड ज्यादा मायने नहीं रखते.
खराब फॉर्म के बाद भी 36 साल के अनुभवी अमला को टीम में युवा सलामी बल्लेबाज रीजा हेंड्रिक्स की जगह टीम में शामिल किया है. अमला ने वनडे में 27 शतक लगाए हैं और डि कॉक के साथ उनकी सलामी जोड़ी सफल रही है. दोनों ने 49 मैचों में 51.96 की औसत से 2442 रन बनाए हैं.युवा एडिन मार्कराम को घरेलू सीरीज में अच्छे प्रदर्शन के बाद टीम में शामिल किया गया है, लेकिन 19 वनडे में उनकी औसत सिर्फ 29 की है. टीम के लिए अच्छी बात यह है कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट से नस्लीय कोटे को हटा दिया गया है.