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WC: बांग्लादेश की ये 'चौकड़ी' खतरनाक, कभी भी पलट सकती है गेम

बांग्लादेश की टीम 2 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभियान शुरू करेगी और फिर 5 जून को न्यूजीलैंड और 8 जून को मेजबान इंग्लैंड से भिड़ेगी.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2019,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

बांग्लादेश अपने मजबूत खेल के बूते क्रिकेट जगत में अब उप महाद्वीप की मजबूत टीम बनती जा रही है, जिससे वर्ल्ड कप-2019 में सभी उसके प्रदर्शन को देखना चाहेंगे. बड़ी टीमें इस बात से भली भांति वाकिफ हैं कि बांग्लादेश की टीम उनके लिए चुनौती पेश कर सकती है. इसका सबूत अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2016 के बीच पाकिस्तान, भारत, दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान के खिलाफ लगातार पांच वनडे सीरीज में उसकी जीत हैं. बांग्लादेश की टीम 2 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभियान शुरू करेगी और फिर 5 जून को न्यूजीलैंड और 8 जून को मेजबान इंग्लैंड से भिड़ेगी.

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पिछले हफ्ते भी उसने बारिश से प्रभावित फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर तीन देशों की वनडे सीरीज अपने नाम कर ली. पिछले 10 वर्षों में छह वनडे फाइनल्स में पहुंचने के बाद कई देशों के टूर्नामेंट में यह बांग्लादेश की पहली जीत थी, जिससे टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मशरफे मुर्तजा के खिलाड़ियों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी.

35 साल के मुर्तजा के लिए यह पांचवां और अंतिम आईसीसी विश्व कप होगा, जिन्होंने 2015 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल और 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में बांग्लादेश की अगुवाई की थी. उसके शानदार सफर की शुरुआत 1999 वर्ल्ड कप से हुई थी, जिसमें पदार्पण करने वाली बांग्लादेश ने 1992 चैम्पियन पाकिस्तान को हराकर उलटफेर किया था.

बांग्लादेश ने आईसीसी की पूर्ण सदस्यता हासिल करने के एक साल बाद टेस्ट दर्जा हासिल किया. उसने 2007 चरण में भारत की उम्मीद तोड़ दी थी और ग्रुप चरण में पड़ोसी देश को बाहर कर दिया था. मुर्तजा इस मैच के नायक रहे थे जिन्होंने चार विकेट झटककर भारत को 191 रनों पर समेट दिया था. तमीम इकबाल, शाकिब अल हसन और मुश्फिकुर रहीम सभी ने अर्धशतक जड़कर बांग्लादेश को पांच विकेट से जीत दिलाई थी.

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बांग्लादेश ने सुपर आठ चरण में दक्षिण अफ्रीका को भी हराकर उलटफेर करते हुए सभी को हैरान कर दिया. हालांकि इसके बाद 2011 चरण में सह मेजबान के तौर पर प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा और ऑस्ट्रेलिया में पिछले चरण में वह क्वार्टर फाइनल में भारत से हार गई.

मुर्तजा, तमीम, शाकिब और मुश्फिकर की चौकड़ी इस नई बांग्लादेश टीम के अहम खिलाड़ी हैं और उनकी निगाहें पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने की है. मुर्तजा के खिलाड़ियों ने पिछले 20 मैचों में से 13 में जीत हासिल की जिसमें वेस्टइंडीज पर एक सीरीज में जीत में शामिल है. इसके अलावा उसने 2018 एशिया कप फाइनल में जगह बनाई और हाल में त्रिकोणीय सीरीज में शानदार प्रदर्शन दिखाया.

टूर्नामेंट ने बांग्लादेश को उनकी कुछ समस्याओं - जैसे सलामी जोड़ी, गेंदबाजी अनुभव की कमी और मध्य के ओवरों में स्पिनरों का प्रभावी नहीं होना - का हल ढूंढ़ने में मदद की. बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज तमीम उनकी बल्लेबाजी के अहम खिलाड़ी हैं, लेकिन लिटन दास की अनिरंतर फॉर्म एक मुद्दा है. लेकिन सौम्य सरकार ने त्रिकोणीय सीरीज के दौरान बतौर सलामी बल्लेबाज तीन शानदार अर्धशतकों से इसका निदान कराया.

टीम इस प्रकार है -

मशरफे मुर्तजा (कप्तान), अबू जैद, लिटन दास (विकेटकीपर), महमूदुल्लाह, मेहदी हसन, मोहम्मद मिथुन, मोहम्मद सैफुद्दीन, मोसद्देक हुसैन, मुश्फिकुर रहीम (विकेटकीपर), मुस्ताफिजुर रहमान, रूबेल हुसैन, शाकिब अल हसन, सौम्य सरकार, तमीम इकबाल.

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