
पर्थ में पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे खेल रहे ऑस्ट्रेलिया के युवा तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड की गेंदों की भारतीय बल्लेबाजों ने जमकर धुनाई की लेकिन इससे निराश हुए बगैर इस युवा गेंदबाज ने कहा कि इस मैच से उन्हें उपयोगी सबक सीखने को मिला.
बोलैंड ने पर्थ वनडे में मंगलवार को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और पहले चार ओवरों में केवल 12 रन दिए लेकिन इसके बाद बल्लेबाजों ने उन्हें कड़ा सबक सिखाया और आखिर में उनका गेंदबाजी विश्लेषण दस ओवर में 74 रन देकर कोई विकेट नहीं था. उनके आखिरी दो ओवरों में भारत ने 30 रन बटोरे. रोहित शर्मा ने इस मैच में नाबाद 171 रन बनाकर सर विवियन रिचर्डस का रिकॉर्ड तोड़ा.
बोलैंड ने कहा कि वह डेथ ओवरों में कुछ यार्कर को सही जगह पर पिच नहीं करा पाए और अधिक मैचों में खेलने से वह इसमें सुधार कर लेंगे. विक्टोरिया के इस गेंदबाज ने कहा, ‘मैं कुछ अंतर से एक दो गेंदों को सही स्थान पर पिच नहीं करा पाया. लेकिन जब किसी ऐसे बल्लेबाज के लिए गेंदबाजी कर रहे हो जो 150 रन (रोहित) बना चुका हो तो फिर वह ऐसी गेंदों पर छक्का जड़ेगा. मैंने एक दो यार्कर सही नहीं की.’ उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि यह (डेथ ओवरों की गेंदबाजी) मेरी भूमिका रहे. मैं जानता हूं कि यह थोड़ा मुश्किल है और कुछ अवसरों पर चीजें आपके खिलाफ हो सकती हैं लेकिन जब दिन आपके अनुकूल हो तो इससे वास्तव में फायदा मिलता है.’