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भारतीय क्रिकेट टीम ने 72 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतकर सोमवार को अपने क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर चौथा और अंतिम टेस्ट मैच खराब मौसम और बारिश के कारण ड्रॉ छूटा और इस तरह से भारत सीरीज 2-1 से अपने नाम करने में सफल रहा. इसके साथ ही उसने बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी भी अपने पास बरकरार रखी. भारत ने 2017 में अपने घरेलू मैदानों पर सीरीज 2-1 से जीतकर यह ट्रॉफी जीती थी.
इस सीरीज से पहले और सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के सारे पूर्वानुमान धरे के धरे रह गए और विराट ब्रिगेड ने कंगारुओं को उसकी धरती पर मात दी. भारत ने स्वतंत्रता मिलने के कुछ दिन बाद पहली बार 1947-48 में लाला अमरनाथ की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था. तब उसका सामना सर डॉन ब्रैडमैन की अजेय ऑस्ट्रेलियाई टीम से था. तब से लेकर अब जाकर भारत का सीरीज जीतने का इंतजार विराट कोहली की टीम ने खत्म किया.
ऑस्ट्रेलिया में भारत ने रचा इतिहास, 72 साल में पहली बार जीती टेस्ट सीरीज
ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल टेस्ट कप्तान पोंटिंग (2004-2010) ने भविष्यवाणी की थी कि स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की गैरमौजूदगी में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम सीरीज में बाजी मारेगी और वह भारत को 2-1 से मात देगी. लेकिन हुआ इसके उलट, टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 मात देकर इतिहास रच डाला. पोंटिंग का सिर्फ एक पूर्वानुमान 'फेल' नहीं हुआ, बल्कि अतिउत्साह में की गई उनकी सारी भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं.
सीरीज शुरू होने से पहले रिकी पोंटिंग ने चौंकाने वाली बात कही थी. उन्होंने कहा था कि टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों में से सबसे ज्यादा रन हमारे उस्मान ख्वाजा बनाएंगे. वो मैन ऑफ द सीरीज भी रहेंगे. ख्वाजा रन बनाने के मामले में भारतीय कप्तान विराट कोहली को पछाड़ देंगे.
सीरीज खत्म होने के बाद आंकड़ों पर गौर करें, तो उस्मान ख्वाजा का बल्ला रन उगलने में पिछड़ गया. वह 198 रन ही बना पाए और सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में सातवें स्थान पर रहे. वह कोहली को भी पछाड़ नहीं पाए, कोहली ने उनसे ज्यादा (282) रन बनाए. सबसे बढ़कर चेतेश्वर पुजारा ने सीरीज में कुल 521 रन बनाकर मैन ऑफ द सीरीज को अवॉर्ड भी जीत लिया.
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सीरीज के दौरान रिकी पोंटिंग ने दावा किया था कि मेलबर्न टेस्ट में भारत को चेतेश्वर पुजारा की धीमी बल्लेबाजी का खामयाजा भुगतना पड़ सकता है. लेकिन उनका यह अनुमान भी गलत साबित हुआ. भारत ने मेलबर्न टेस्ट 137 रनों से जीतकर सीरीज में 2-1 से बढ़त हासिल कर ली. दरअसल, पुजारा ने उस टेस्ट की पहली पारी में 319 गेंदों में 106 रन बनाए थे, जिसकी बदौलत भारत ने अपनी पहली पारी 443/7 रनों पर घोषित की थी.
सच तो यह है कि ऑस्ट्रेलिया का कोई भी बल्लेबाज सीरीज में शतक नहीं जमा पाया. उसकी तरफ से मार्कस हैरिस की चौथे टेस्ट मैच में 79 रनों की पारी उच्चतम स्कोर रहा. उसके बल्लेबाजों के लिए जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव को खेलना आसान नहीं रहा.
पुजारा ने भारत की सीरीज में जीत में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने सीरीज में 74.42 की औसत से रिकॉर्ड 1258 गेंदें खोलकर 521 रन बनाए, जिसमें तीन शतक शामिल हैं. जसप्रीत बुमराह ने सीरीज में 21 विकेट चटकाए.
भारत के पास सीरीज 3-1 से जीतने का मौका था, लेकिन बारिश ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. भारत ने अपनी पहली पारी सात विकेट पर 622 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया 300 रन पर आउट हो गया और उसे अपनी धरती पर पिछले 31 साल में पहली बार फॉलोऑन के लिए उतरना पड़ा.