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कभी सचिन भी कर रहे थे कोहली वाली गलती, लेकिन इस एक पारी ने बना दिया था भगवान, जानें क्रिकेट की सबसे रोमांचक कहानी

सचिन के संन्यास लेने के बाद विराट कोहली भी उन्हीं की लीक पर चलते दिखे. सचिन के कई सारे रिकॉर्ड भी विराट ने तोड़े. इसने एक बहस को जन्म दिया कि आखिर दोनों में बेहतर और महान कौन है. लेकिन क्रिकेट की बारीकियों को समझने वाले कह सकते हैं कि विराट कोहली मौजूदा समय की हकीकत हैं तो सचिन तेंदुलकर फसाना.

विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर. विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर.
आकाश सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST

क्रिकेट इतिहास में कई रोमांचक कहानियां दर्ज हैं. हर दौर में कोई न कोई लीजेंड रहा है. लेकिन इस खेल के करीब 200 सालों के सफर में भगवान का दर्जा सिर्फ एक खिलाड़ी को मिला है, उसका नाम है सचिन तेंदुलकर. सचिन के संन्यास लेने के बाद विराट कोहली भी उन्हीं की लीक पर चलते दिखे. सचिन के कई सारे रिकॉर्ड भी विराट ने तोड़े. इसने एक बहस को जन्म दिया कि आखिर दोनों में बेहतर और महान कौन है. वैसे तो ये विमर्श आम है और दोनों को बेहतर बताने के अपने-अपने तर्क हैं. लेकिन क्रिकेट की बारीकियों को समझने वाले कह सकते हैं कि विराट कोहली मौजूदा समय की हकीकत हैं तो सचिन तेंदुलकर फसाना.

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लेकिन क्या आपको पता है कि सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान क्यों कहा जाता है? ये नाम उन्हें किसने दिया? कई लोगों को लगता होगा कि सचिन के तमाम रिकॉर्ड्स को देखते हुए उन्हें भगवान कहा जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है. उनके भगवान बनने के पीछे एक शानदार कहानी है. 

ये कहानी इसलिए भी मौजूं हैं क्योंकि ये टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे से जुड़ी है.  इस वक्त भी टीम इंडिया वहां दौरे पर है. वहीं, इस दौरे पर भी विराट कोहली उसी समस्या से जूझ रहे हैं जिससे कभी सचिन तेंदुलकर परेशान थे. लेकिन वो इस परेशानी से निकलकर भगवान कहलाए थे.

जानें 2004 की वो कहानी...

साल 2003-04 में जब टीम इंडिया बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी, तब सचिन तेंदुलकर का भी ऐसा ही हाल था, जैसा आज विराट कोहली का है. विराट कोहली की तरह सचिन भी ऑफ स्टंप की गेंद से छेड़छाड़ में अपना विकेट गंवा रहे थे.

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उस दौरे पर सचिन ने शुरुआती तीन टेस्ट मैचों में 0, 1, 37,0 और 44 रनों की पारी खेली थी. इसमें हर बार सचिन तेंदुलकर ऑफ स्टंप की गेंद से छेड़छाड़ और कवर ड्राइव खेलने के चक्कर में आउट हुए थे. ऑस्ट्रेलियन मीडिया में सचिन के इस तरह से आउट होने की खबरें छपने लगी थी. कई ऑस्ट्रेलियन गेंदबाजों को भी ये लगने लगा था कि उन्होंने मास्टर ब्लास्टर की कमजोर नस पकड़ ली है. लेकिन महानता के अपने गुण होते हैं. सचिन के लगातार फ्लॉप होने और उसपर चर्चाओं के बीच आया सिडनी टेस्ट, जो उस सीरीज का चौथा टेस्ट था.

अपने भाई से किया एक वादा...

सचिन ने एक इंटरव्यू में उस दौरे का जिक्र करते हुए बताया था कि वो ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले ठीक फॉर्म में थे. लेकिन उस सीरीज के शुरुआती मैच में वो जिस तरह से आउट हो रहे थे वो उससे बड़े परेशान हो गए थे. सचिन ने बताया कि इसके लिए उन्होंने अपने भाई से सलाह ली. उनके भाई ने कहा कि उनकी बल्लेबाजी में तकनीकी तौर पर कोई कमी नहीं है, बल्कि मानसिक रूप से कुछ समस्या दिख रही है. उनके भाई ने सलाह दी कि आप मेंटली कॉम रहो. इसके बाद उनके भाई ने उन्हें चैलेंज दिया कि तुम अगले टेस्ट में नॉटआउट रहकर दिखाओ क्योंकि मुझे पता है कि कोई गेंदबाज तुम्हें आउट नहीं कर सकता है. इसके बाद सचिन ने अपने भाई की इस चुनौती को स्वीकार कर लिया.

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'तुम 11 या मैं अकेला...'

सचिन ने बताया कि सिडनी टेस्ट में वो जब मैदान में उतरे तो उसके पहले उन्होंने ऐसी कोई प्लानिंग नहीं की थी कि वो ऑफ स्टंप पर नहीं खेलेंगे. लेकिन जब वो मैदान में उतरे तो उन्होंने देखा कि पूरी ऑस्ट्रेलियन टीम इसी प्लानिंग में लगी थी कि वो ऑफ स्टंप की गेंद को खेलें. सचिन ने बताया कहा कि ऑस्ट्रेलिया की ये प्लानिंग देखकर मैंने भी ये डिसाइड कर लिया कि अब मैं ऑफ में खेलूंगा ही नहीं. देखा जाएगा कि सबसे पहले अपना धैर्य कौन खोता है. तुम 11 या मैं अकेला...

हेडन को दिख गया भगवान

ऑस्ट्रेलिया को ये पूरी उम्मीद थी कि सचिन एक बार फिर वही गलती दोहराएंगे जो वो बार-बार करते आ रहे थे. उनकी यही प्लानिंग भी थी. ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी मैथ्यू हेडन उस समय प्वाइंट और कवर पर लगे हुए थे. इस एक उम्मीद में की सचिन तेंदुलकर कब वो गलती करें और वो कैच लपक लें. लेकिन मैच चलता गया और सचिन ऑफ स्टंप की गेंद को विकेटकीपर गिलक्रिस्ट के लिए छोड़ते रहे. सचिन धीरे-धीरे अपने रन जोड़ते गए. इसी बीच उन्होंने शतक भी बना लिया. लेकिन एक भी गेंद ऑफ में खेली ही नहीं. ऑफ की गेंदों को भी सचिन लेग में मारकर रन बनाते रहे. उन्होंने ऑफ में बस थर्ड मैन की तरफ एक या दो शॉट खेले वो भी अपर कट जैसा. 

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हेडन समेत तमाम ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को ये लगा कि अब शतक होने के बाद तो सचिन मैदान के हर कोने में शॉट खेलेंगे. या कोई रिस्क लेंगे. लेकिन सचिन ने एक भी शॉट कवर में खेला ही नहीं. उन्होंने देखते ही देखते दोहरा शतक भी जड़ दिया लेकिन सचिन ने गलती नहीं की. 

613 मिनट की बल्लेबाजी...

इस मैच में सचिन ने 241 रनों की नाबाद पारी खेली. दूसरी इनिंग में भी सचिन तेंदुलकर नाबाद रहे और 60 रनों की पारी खेली. सचिन ने इस दौरान 436 गेंदों का सामना किया और करीब 613 मिनट तक बल्लेबाजी की. लेकिन वो आउट नहीं हुए. इस तरह से सचिन ने अपने भाई से नाबाद रहने का वादा भी निभाया और ऑस्ट्रेलिया के उस घमंड को भी तोड़ दिया.

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हेडन ने दी 'भगवान' की उपाधि

मैथ्यू हेडन सिडनी टेस्ट में सचिन तेंदुलकर की इस पारी को देखकर हैरान थे. मैच के बाद उन्होंने कहा कि आज मैंने क्रिकेट में भगवान को देखा और वो भारत में नंबर-4 (सचिन तेंदुलकर) पर बल्लेबाजी करता है. हेडन ने कहा कि इतना कंट्रोल, धैर्य और दृढ़ निश्चय सिर्फ भगवान के पास ही हो सकता है. हर खिलाड़ी खराब फॉर्म से जूझता है, लेकिन शतक जड़ने के बाद उसकी आंखें इतनी जम चुकी होती हैं कि वो गेंद को फिर कहीं भी मार सकता है. लेकिन सचिन ने एक बार फैसला कर लिया कि वो ऑफ में नहीं खेलेंगे तो फिर उन्होंने वो शॉट खेला ही नहीं. भले ही उनका दोहरा शतक क्यों नहीं हो गया. ये सिर्फ भगवान ही कर सकते हैं. हेडन की इस स्टेटमेंट के बाद सचिन तेंदुलकर को 'गॉड ऑफ क्रिकेट' कहा जाने लगा.

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20 साल बाद फिर सिडनी का मैदान और संकट में एक लीजेंड

20 साल बाद अब फिर से सचिन की ही तरह विराट कोहली मुश्किलों में हैं. विराट कोहली के लिए साल 2024 टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से शानदार नहीं रहा है. पिछली कुछ पारियों में वो कवर ड्राइव और ऑफ स्टंप की गेंद से छेड़छाड़ करते हुए आउट हुए हैं. 

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कई दिग्गजों ने उन्हें सलाह दी है कि वो इसका तरीका निकालें. यहां तक कि मैथ्यू हेडन और सुनील गावस्कर ने भी विराट कोहली को सुझाया है कि वो अपने रोल मॉडल सचिन तेंदुलकर की तरह ही कोई रणनीति बना सकते हैं. अब देखना होगा कि 3 जनवरी से जब टीम इंडिया सिडनी के मैदान पर आखिरी टेस्ट के लिए उतरेगी तो विराट कोहली क्या रणनीति बनाएंगे. 

ऐसा रहा है सचिन तेंदुलकर का करियर

टेस्ट करियर की बात करें तो सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें 53.78 के औसत से उन्होंने 15921 रन बनाए हैं. इसमें 51 शतक और 68 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं, वनडे में सचिन ने कुल 463 मैच खेले और 18426 रन बनाए. इसमें 44.83 के औसत से सचिन ने 49 शतक और 96 अर्धशतक बनाए. 

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विराट कोहली के करियर पर नजर

विराट कोहली ने अबतक 122 टेस्ट मैच खेले हैं. इसमें 47.21 के औसत से उन्होंने 9207 रन बनाए हैं. इस दौरान कोहली ने 30 शतक और 31 अर्धशतक जमाए हैं. जबकि वनडे में विराट कोहली ने 295 मैच में 13906 रन बनाए हैं और 50 शतक और 72 अर्धशतक जमाए हैं. 

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