
भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट मैच 1 जुलाई से एजबेस्टन में खेला जाना है. यदि भारत इस मैच में ड्रॉ या जीत हासिल कर लेता है तो वह लगभग 15 साल बाद इंग्लिश जमीं पर टेस्ट सीरीज अपने नाम कर लेगा. इस मुकाबले से पहले भारतीय टीम के लिए चिंता का सबब कप्तान रोहित शर्मा हैं जो कोरोनो पॉजिटिव पाए गए थे. रोहित के नहीं खेलने पर जसप्रीत बुमराह को कप्तानी की बागडोर सौंपी जा सकती है.
विंडीज ने किया था भारत का दौरा
जब बात टेस्ट क्रिकेट की हो रही है, तो टेस्ट इतिहास में एक ऐसा दौर भी आया था जब सात टेस्ट मैचों में भारतीय टीम के लिए छह खिलाड़ियों ने कप्तानी की थी. उस दौरान लाला अमरनाथ चीफ सेलेक्टर हुआ करते थे, जिनसे बाकी चयनकर्ताओं की नहीं बनती थी. कहानी की शुरुआत नवंबर 1958 में हुई, जब वेस्टइंडीज की टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत दौरे पर आती है. मेहमान टीम के पास मजबूत बल्लेबाजी क्रम के अलावा वेस हॉल और रॉय गिलक्रिस्ट जैसे घातक तेज गेंदबाज थे. वहीं भारत दो साल बाद कोई टेस्ट सीरीज खेलने जा रही थी.
अमरनाथ का बाकी सेलेक्टर्स के साथ विवाद
सीरीज की शुरुआत से पहले ही भारतीय टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दरअसल मुख्य चयनकर्ता लाला अमरनाथ योग्यता के आधार पर खिलाड़ियों को चुनने पर जोर देते थे. लेकिन उनके साथी चयनकर्ता क्षेत्रीय आधार पर खिलाड़ियों को टीम में शामिल करना चाहते थे. बत तब शुरू हुई जब अमरनाथ ने अपने वोट का इस्तेमाल करके 36 वर्षीय गुलाम अहमद को शुरुआती टेस्ट के लिए कप्तान चुना.
हालांकि बॉम्बे में आयोजित पहले टेस्ट से एक हफ्ते पहले गुलाम अहमद ने घुटने की चोट के कारण नाम वापस ले लिया. इसके बाद अमरनाथ ने बीसीसीआई को सुझाव दिया कि मनोहर हार्डिकर को उनकी जगह टीम में लिया जाए. लेकिन सहयोगी चयनकर्ता एलपी जय ने स्थानीय स्पिनर बापू नादकर्णी को फोन मिलाया. अमरनाथ का गुस्सा और बढ़ गया जब जय ने यह घोषणा कर दी कि पॉली उमरीगर टीम का नेतृत्व करेंगे.
बीसीसीआई से अमरनाथ की शिकायत
उमरीगर की कप्तानी में भारत ने पहला टेस्ट ड्रॉ किया. एलपी जय पवेलियन में अकेले बैठे थे जबकि चयन पैनल के बाकी सदस्य कमेटी बॉक्स में हंगामा कर रहे थे. मैच समाप्ति के बाद एलपी जय ने अमरनाथ पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए बीसीसीआई को रिपोर्ट कर दिया. बॉम्बे (अब मुंबई) के अखबारों में भी अमरनाथ को निशाने पर लिया गया.
फिट हो चुके गुलाम अहमद दूसरे टेस्ट के लिए लौटे, लेकिन भारत 203 रन से हार गया और चयनकर्ताओं ने ईडन गार्डन्स में अगले मैच के लिए चार बदलाव किए. हालांकि भारत को उस मैच में एक पारी और 336 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. मैदान से वापस अपने होटल तक पहुंचने के लिए खिलाड़ियों को पुलिस एस्कॉर्ट तक की जरूरत पड़ गई.
गुलाम अहमद ने लिया रिटायरमेंट
लगातार दो हार झेलने के बावजूद गुलाम अहमद को चौथे टेस्ट के लिए कप्तान नामित किया गया था. लेकिन चंद दिनों बाद ही उन्होंने किसी युवा खिलाड़ी को मौका देने के लिए संन्यास की घोषणा कर दी. ऐसे में वीनू मांकड़ को कप्तान बनाया गया, जो बीसीसीआई के साथ वेतन विवाद के कारण पहले तीन टेस्ट से चूक गए थे. भारत को चौथे टेस्ट में भी 295 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. लाला अमरनाथ ने दिल्ली में अंतिम टेस्ट के लिए टीम की घोषणा की, जिसका उद्देश्य इंग्लैंड के आगामी दौरे की योजना बनाना था.
हेमू अधिकारी ने की पांचवें टेस्ट में कप्तानी
अमरनाथ इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए वीनू मांकड़ को कप्तान बनाने के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने वीटो कर दिया. फिर गुलाबराय रामचंद को लेकर सहमति बनाने की असफल कोशिश की गई. अमरनाथ ने फिर 39 साल के हेमू अधिकारी को पांचवें टेस्ट के लिए टीम का कप्तान नियुक्त कर दिया. भारतीय टीम किसी तरह उस आखिरी टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने में सफल रही.
फिर इंग्लैंड दौरे पर हुआ बुरा हाल
वेस्टइंडीज सीरीज की समाप्ति के बाद भारत ने 1959 में इंग्लैंड का दौरा किया, जहां उसे पांच मैचों की सीरीज में 5-0 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड के खिलाफ उस सीरीज के पहले मुकाबले में दत्ता गायकवाड़ ने भारत की कप्तानी की थी. हालांकि दत्ता गायकवाड़ दूसरे मैच में चोट के चलते भाग नहीं ले पाए जिसके चलते पंकज रॉय ने भारत की कप्तानी की. यानी कि भारत ने सात टेस्ट मैचों में कुल छह कप्तानों का इस्तेमाल किया.
7 मैचों के भीतर भारत के 6 कप्तान
पॉली उमरीगर- पहला टेस्ट vs वेस्टइंडीज (दिसंबर 1958)
गुलाम अहमद - दूसरा एवं तीसरा टेस्ट vs वेस्टइंडीज (दिसंबर 1958)
वीनू मांकड़- चौथा टेस्ट vs वेस्टइंडीज (जनवरी 1959)
हेमू अधिकारी- पांचवां टेस्ट vs वेस्टइंडीज (फरवरी 1959)
दत्ता गायकवाड़- पहला टेस्ट vs इंग्लैंड (जून 1959)
पंकज रॉय- दूसरा टेस्ट vs इंग्लैंड (जून 1959)