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Shikhar Dhawan IND vs WI: 'मैं 10 साल से सुनता आया...', शिखर धवन ने आलोचकों को दिया मुंहतोड़ जवाब

अनुभवी बल्लेबाज शिखर धवन ने सीमित ओवर्स क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है. इसके बावजूद धवन के आलोचकों की कमी नहीं है और शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें उतना क्रेडिट नहीं मिलता है.

Shikhar Dhawan (AFP) Shikhar Dhawan (AFP)
aajtak.in
  • पोर्ट ऑफ स्पेन,
  • 22 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST
  • भारत और विंडीज के बीच आज पहला वनडे
  • शिखर धवन कर रहे हैं भारतीय टीम की कप्तानी

भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला आज (22 जुलाई) पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला जाएगा. इस वनडे सीरीज में नियमित कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, ऋषभ पंत जैसे प्लेयर्स को आराम दिया गया है. ऐसे में अनुभवी ओपनर शिखर धवन टीम की कप्तानी कर रहे हैं. धवन के ऊपर कप्तानी के साथ-साथ बैटिंग में भी अच्छा प्रदर्शन करने का प्रेशर होगा.

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केवल वनडे क्रिकेट खेल रहे धवन

शिखर धवन को कभी रोहित शर्मा और विराट कोहली के साथ बल्लेबाजी क्रम में भारत का अहम अंग माना जाता था. 2019 विश्व कप तक धवन सीमित ओवर्स के प्रारूप में भारत के मुख्य बल्लेबाजों में से एक थे, हालांकि उन्होंने टेस्ट टीम में अपना स्थान खो दिया. इसके बाद धवन के करियर में एक और ट्विस्ट आया जब उन्हें 2021 के टी 20 विश्व कप के लिए टीम में जगह नहीं मिली. अब धवन केवल वनडे इंटरनेशनल में ही भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

शिखर धवन ने सीमित ओवर्स क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है. इसके बावजूद धवन के आलोचकों की कमी नहीं है और उन्हें बल्ले से शानदार प्रदर्शन के बावजूद उतना क्रेडिट नहीं मिलता है. मैच की पूर्व संध्या पर एक जर्नलिस्ट ने धवन से इसी से जड़ा सवाल पूछा. धवन से पूछा गया कि क्या यह अजीब नहीं है कि बल्ले के साथ बेहतरीन उपलब्धियों  के बावजूद  सफेद गेंद वाले क्रिकेट में उन्हें उतना श्रेय नहीं मिलता है.

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धवन ने इसे लेकर कहा, 'अजीब क्या लगेगा, अब तो 10 साल हो चुका है. मुझे अजीब नहीं लगता, मैंने इसे 10 सालों से सुना है. लोग बोलते रहते हैं, मैं परफॉर्म करता रहता हूं. अगर मैं उनकी बात सुनता तो मैं यहां नहीं होता. मेरे पास अनुभव है, इसलिए मैं ज्यादा चिंतित नहीं हूं. जब तक मैं आत्म-विश्लेषण और सुधार करता हूं, तब तक और कुछ मायने नहीं रखता.'

मुझे खुद पर पूरा भरोसा: धवन

धवन ने बताया, 'मैं एक बहुत ही पॉजिटिव व्यक्ति हूं. मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि मैंने कुछ अच्छा किया है. यही वह सकारात्मकता है जो मैं युवाओं को देना चाहता हूं. हम उस तरह की ऊर्जा क्रिएट करना चाहते हैं जहां हम परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे पर विश्वास रखें. निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबाव है, लेकिन यह उस तरह का दबाव नहीं है जो मेरे व्यक्तित्व या खेलने की शैली को बदल देगा. मुझे खुद पर और टीम पर बहुत भरोसा है.'


 

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