
India vs Australia 1st ODI: टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की घरेलू वनडे सीरीज में जीत से आगाज किया. दोनों टीम के बीच पहला मैच शुक्रवार (17 मार्च) को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया. यह मैच काफी रोमांचक रहा, जिसमें टीम इंडिया ने 5 विकेट से जीत दर्ज की.
इस जीत के 4 हीरो रहे, जिन्होंने हर तरफ से ऑस्ट्रेलिया पर शिकंजा कसा और आखिरकार जीत हासिल की. ये चारों हीरो तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और ओपनर केएल राहुल हैं.
जडेजा का हरफनमौला प्रदर्शन
सबसे पहले बात प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट जडेजा की बात करते हैं. उन्होंने सबसे पहले गेंदबाजी में 2 विकेट झटके. इसके बाद 189 रनों का टारगेट चेज करते हुए जब भारतीय टीम ने 83 रनों पर 5 विकेट गंवा दिए थे, तब जडेजा ने बल्लेबाजी में कमाल दिखाया और 69 बॉल पर नाबाद 45 रनों की पारी खेली. जडेजा ने राहुल के साथ छठे विकेट के लिए 123 बॉल पर 108 रनों की नाबाद पार्टनरशिप की.
जीत के दूसरे हीरो केएल राहुल हैं, जिन्होंने लगातार गिरते विकेटों के बीच क्रीज पर अपने पैर जमाए रखे. उन्होंने मुश्किल परिस्थिति में करियर की 13वीं फिफ्टी लगाई और टीम को जीत दिलाई. ओपनिंग करने आए राहुल ने 91 बॉल पर 75 रनों की मैच विनिंग पारी खेली और आखिर तक नाबाद रहते हुए जीत दिलाई.
गेंदबाजी में सिराज-शमी ने किया कमाल
मैच में टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 35.4 ओवर में 188 रनों पर सिमट गई थी. एक समय ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती 20 ओवर में ही 130 के करीब रन बना लिए थे. तब मिचेल मार्श तूफानी बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को 300 के स्कोर तक ले जाना चाह रहे थे. मगर यहां से शमी-सिराज ने मोर्चा संभाला और 3-3 विकेट निकालकर पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को 188 रनों पर समेट दिया.
शमी ने मैच में 17 रन देकर 3 विकेट लिए. जबकि सिराज ने 29 रन देकर इतने ही विकेट अपने नाम किए. शमी ने जोश इंग्लिस, कैमरन ग्रीन और मार्कस स्टोइनिस को शिकार बनाया. जबकि सिराज ने ओपनर ट्रेविस हेड, सीन एबॉट और एडम जम्पा को पवेलियन भेजा.
मैच का टर्निंग पॉइंट भी यही रहा
सही मायने में देखा जाए, तो मैच का टर्निंग पॉइंट भी यही था. ऑस्ट्रेलियाई टीम को 5वां झटका 169 रनों पर लगा था. इसके बाद 188 रनों पर आकर बाकी पूरी टीम सिमट गई. यानी देखा जाए, तो अगले 19 रन बनाने में कंगारू टीम ने अपने आखिरी 5 विकेट गंवा दिए. यदि ऐसा नहीं होता और ऑस्ट्रेलियाई टीम 250 से ज्यादा का स्कोर भी बना लेती, तो भारतीय टीम के लिए यह मैच जीतना नामुमकिन हो सकता था.