
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रांची टेस्ट बिना कोई नतीजे के ड्रॉ पर खत्म हुआ. इस ड्रॉ के साथ ही भारत का सीरीज पर बढ़त बनाने का लक्ष्य भी अधूरा छूट गया. अब सीरीज जीत के लिए दोनों टीमों को आखिरी टेस्ट पर निर्भर होना पड़ेगा. चार टेस्ट मैचों की सीरीज अभी 1-1 से बराबर पर है. भारत इतना बड़ा स्कोर खड़ा करके भी रांची टेस्ट नहीं जीत पाया. इसकी ये वजहें हो सकती हैं...
1. कोहली का फेल होना
रांची टेस्ट के पहले दिन फील्डिंग के दौरान भारतीय कप्तान विराट कोहली को चोट लग गई थी. उनके कंधे में काफी दर्द था, जिसके बाद उन्होंने MRI भी कराया. लेकिन कंधे के दर्द के बावजूद भी कोहली बल्लेबाजी करने आये, लेकिन 6 रन बनाकर आउट हो गये. कोहली इस सीरीज में लगातार फेल होते आए हैं. इस सीरीज में कोहली ने मात्र 46 रन बनाये हैं.
2. अश्विन का विकेट ना लेना
भारत के नंबर वन टेस्ट स्पिनर आर. अश्विन इस टेस्ट में लगभग फेल ही रहे. अश्विन ने इस मैच में कुल 2 विकेट लिये. 1 पहली इनिंग में तो दूसरा दूसरी इनिंग में. अश्विन ने पूरे मैच में कुल 64 ओवर डाले. अश्विन का 64 ओवर डाल कर मात्र दो विकेट लेना टीम इंडिया को जीत से दूर ले गया.
3. पुजारा-साहा की धीमी बल्लेबाजी
चेतेश्वर पुजारा और रिद्धीमान साहा ने रांची टेस्ट में ऐतिहासिक पारी खेली. दोनों के बीच कुल 199 रनों की साझेदारी हुई. दोनों बल्लेबाजों ने कुल 466 गेंदों में यह साझेदारी की. चेतेश्वर पुजारा ने कुल 525 गेंदों में 202 रन बनाये, तो वहीं साहा ने 233 गेंद खेल कर 117 रन बनाये. दोनों बल्लेबाजों की धीमी बल्लेबाजी ने मैच की गति भी धीमी कर दी थी, जिससे मैच में नतीजे की उम्मीद लगातार कम होती गई.
4. मार्श-हैंड्सकोंब की साझेदारी
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में शॉन मार्श और पीटर हैंड्सकोंब की शतकीय साझेदारी ने भारत की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. दोनों बल्लेबाजों ने अर्धशतक जड़ा और दोनों के बीच शतकीय साझेदारी भी हुई. हैंड्सकोंब और मार्श दोनों कुल 374 गेंदों में 124 रनों की साझेदारी की.