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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज का चौथा मुकाबला मोहाली के आई.एस. बिंद्रा स्टेडियम में खेला जाएगा. इस मुकाबले के लिए दोनों ही टीमें मोहाली पहुंच चुकी हैं. पहले दो वनडे में ऑस्ट्रेलिया आखिरी पलों में हार कर जीत से महरूम रह गई थी, लेकिन रांची में खेले गए तीसरे वनडे में उसने शानदार जीत हासिल कर भारत को सावधान कर दिया है.
तीसरे वनडे को जीत ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज जिंदा रखी है. चौथे वनडे में उसकी नजरें पांच मैचों की सीरीज में 2-2 से बराबरी पर होगी, लेकिन मेजबान भारत जख्मी शेर की तरह घात लगाए बैठा है जो पंजाब क्रिकेट संघ आई.एस. बिंद्रा स्टेडियम में खेले जाने वाले मैच में तीसरी जीत हासिल कर सीरीज अपने नाम करना चाहेगा.
बीते दो मैचों में भारत ने करीबी मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया को मात दी. यह दो जीत मुख्यत: उसके गेंदबाजी की सफलता थी जबकि तीसरे वनडे में भारतीय गेंदबाजों ने बुरा दिन देखा तो भारत को हार मिली. विश्व कप के लिहाज से यह भारत के लिए काफी अहम सीरीज मानी जा रही है. ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों का संघर्ष उसके लिए अच्छी बात नहीं हैं. पहले मैच में भारतीय शीर्ष क्रम धराशाई हो गया था. लेकिन, केदार जाधव और महेंद्र सिंह धोनी ने शतकीय साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई थी. वहीं दूसरे मैच में कप्तान विराट कोहली का बल्ला गरजा था.
कोहली ने तीसरे मैच में भी शानदार बल्लेबाजी की और अपने वनडे करियर का 41वां शतक जमाया. भारतीय बल्लेबाजों की बात करें तो सिर्फ कोहली ही लय में हैं और लगातार रन कर रहे हैं. उनके बाद जाधव हैं जो इस सीरीज में बल्ले से अच्छा कर रहे हैं. धोनी ने पहले मैच में तो अच्छा खेला था. लेकिन, बाकी के दो मैचों में विफल रहे थे. अब जबकि बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि धोनी आखिरी के दो वनडे मैचों में आराम करेंगे. ऐसे में युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत का अगले मैच में उतरना तय माना जा रहा है.
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चिंता अंबति रायडू को लेकर भी है जिन्हें चौथे नंबर का विकल्प माना जा रहा था लेकिन वह इस सीरीज में पूरी तरह से विफल रहे हैं. रायडू को कोहली बाहर भी बैठा सकते हैं. रोहित शर्मा और शिखर धवन का भी फॉर्म ठीक नहीं है. ऐसे में भारतीय बल्लेबाजी कोहली के इर्द गिर्द ही है. वहीं गेंदबाजी में भारत ने शानदार किया है, तीसरा मैच एक अपवाद था, जिसने हालांकि बता दिया है कि अगर भारत के गेंदबाज असफल रहे तो बल्लेबाजों के लिए कितनी परेशानी हो सकती है.
रांची में भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी शुरुआत नहीं की थी, लेकिन अंत के ओवरों में वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को एक विशाल स्कोर तक जाने से रोक दिया था. कुलदीप यादव ने तीन विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को कमजोर किया था तो वहीं जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी ने अंत के ओवरों में कम रन खर्च किए थे. शमी के भी इस मैच में खेलने पर संदेह है. उनके स्थान पर भुवनेश्वर कुमार को टीम में जगह मिल सकती है. भुवनेश्वर टीम में आते हैं तो डेथ ओवरों में भारत और मजबूत हो जाएगी.
वहीं अगर ऑस्ट्रेलिया की बात की जाए तो तीसरा मैच उसके लिए आंखे खोलने वाला काम कर सकता है. तीसरे मैच में मेहमान टीम ने बताया कि अगर वह धैर्य और सूझ-बूझ से खेले तो अपने प्रदर्शन में अच्छा सुधार कर सकारात्मक परिणाम हासिल कर सकती है. तीसरे मैच से उसका सबसे बड़ा फायदा कप्तान एरॉन फिंच की खराब फॉर्म का अलविदा कहना है. लगभग 10 मैचों में रनों का सूखा झेलने वाले फिंच ने आखिरकार रांची में 93 रनों की पारी खेल अपनी फॉर्म वापस हासिल की जो भारत के लिए चिता का विषय हो सकती है.
ख्वाजा भी अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में सफल रहे थे. उन्होंने अपने वनडे करियर का पहला शतक जमाया था. ग्लेन मैक्सवेल का बल्ला भी अच्छा चला था. लेकिन, वो धोनी की चपलता के सामने कुछ नहीं कर पाए थे. लेकिन, मध्यक्रम ने टीम को निराश किया था. शॉन मार्श, पीटर हैंड्सकॉम्ब अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाए थे.
मार्कस स्टोइनिस और एलेक्स कैरी आखिरी ओवर में टीम को 300 पार ले जाने में सफल तो हुए थे. लेकिन, उस स्कोर तक टीम को नहीं पहुंचा पाए थे जहां तक टीम जाने वाली थी. गेंदबाजी में एडम जाम्पा ने बीते दो मैचों में प्रभावित किया है. पैट कमिंस और झाए रिचर्डसन के अलावा स्टोइनिस तेज गेंदबाजी आक्रमण को और पैना करना चाहेंगे.