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India vs Australia Test: IPL के शेर WTC फाइनल में ढेर... ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इन 5 कारणों से डूबी टीम इंडिया की नैया

भारतीय टीम को WTC 2023 के फाइनल मुकाबले में करारी शिकस्त मिली और लगातार दूसरी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया. लंदन के द ओवल मैदान पर खेले गए इस खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 209 रनों से जीत दर्ज की है. भारतीय टीम की इस हार के 5 बड़े कारण रहे हैं...

WTC फाइनल में हार के बाद विराट कोहली. (Getty) WTC फाइनल में हार के बाद विराट कोहली. (Getty)
aajtak.in
  • लंदन,
  • 11 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

India vs Australia Test: ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) 2023 का फाइनल मुकाबला रविवार (11 जून) को खत्म हो गया है. दो साल लंबे चले WTC के इस दूसरे सीजन के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को करारी शिकस्त मिली. लंदन के द ओवल मैदान पर खेले गए इस खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 209 रनों से जीत दर्ज की है.

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WTC फाइनल मैच का हाल

ऑस्ट्रेलियाई टीम -  पहली पारी: 469, दूसरी पारी: 270/8 (घोषित)
भारतीय टीम -  पहली पारी: 296, दूसरी पारी: 234

भारतीय टीम ने आखिरी बार 2013 में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी जीती थी. ऐसे में टीम इंडिया के पास एक दशक बाद पहला कोई ICC खिताब जीतने का मौका था, लेकिन कई गलत फैसलों और कुछ कमियों के कारण ऐसा नहीं हो सकता है. आइए जानते हैं WTC फाइनल में भारतीय टीम के 5 बड़े कारण क्या रहे...

IPL के बाद आराम ना मिलना

इस WTC फाइनल से ठीक पहले भारतीय खिलाड़ियों ने करीब दो महीने तक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) भी खेला था. यह आईपीएल 31 मार्च से 29 मई तक चला था. इस बार आईपीएल फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स ने गुजरात टाइटन्स को हराकर खिताब जीता था. आईपीएल का फाइनल मैच 29 मई को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया था.

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इस टूर्नामेंट के खत्म होने के तुरंत बाद ही भारतीय खिलाड़ी लंदन के लिए रवाना हो गए थे. यहां आईपीएल के ठीक एक हफ्ते बाद ही यानी 7 जून से WTC फाइनल खेलना था. ऐसे में समझा जा सकता है कि दो महीने आईपीएल खेलने के बाद खिलाड़ियों को बिल्कुल भी आराम नहीं मिला और उन्हें एक हफ्ते बाद 5 दिवसीय टेस्ट मैच खेलना पड़ा. यह खिलाड़ियों के लिए काफी मुश्किल रहा होगा. इसका उनकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ना लाजमी भी है.

पिच को परख नहीं सके, टॉस जीतकर गेंदबाजी ली

बता दें कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब जून में लंदन के द ओवल में कोई टेस्ट मैच हुआ. मैच में टॉस भारत के फेवर में ही रहा था. कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. रोहित ने टॉस के वक्त कहा था कि पिच पर काफी घास है, ऐसे में तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगा.

रोहित के बयान से ऐसा लगा कि उन्होंने सही फैसला किया है, लेकिन मैच का पहला दिन खत्म होते होते मामला उलटा पड़ने लगा था. ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती 3 विकेट 76 रनों पर गंवा दिए थे. मगर उसके बाद स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने क्रीज पर पैर जमाए और चौथे विकेट के लिए 285 रनों की पार्टनरशिप कर टीम का स्कोर 469 रन तक पहुंचा दिया. इस पारी में हेड ने 163 और स्मिथ ने 121 रनों की पारी खेली.

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यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा से पिच पढ़ने में गलती हो गई. यदि भारतीय टीम टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला करती, तो शायद मामला कुछ अलग हो सकता था. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा स्कोर बनाना मुश्किल हो सकता था.

टॉप ऑर्डर का फ्लॉप परफॉर्मेंस

भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी कमजोर कड़ी बैटिंग में टॉप ऑर्डर का फ्लॉप परफॉर्मेंस रहा है. ओपनर शुभमन गिल (13, 18) दोनों पारियों में नहीं चल सके. कप्तान रोहित (15, 43) खुद भी दोनों पारियों में एक भी फिफ्टी नहीं लगा सके. विराट कोहली (14, 49) भी मैच विनिंग पारी नहीं खेल सके. चेतेश्वर पुजारा, जो पिछले कुछ समय से इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे, वो भी फ्लॉप नजर आए. उन्होंने दोनों पारियों में 14 और 27 रन बनाए. अकेले अजिंक्य रहाणे (89, 46) दोनों पारियों में लड़ते नजर आए.

टी20 के जुनून से बाहर नहीं निकल पाए प्लेयर

IPL खेलकर आ रहे भारतीय खिलाड़ियों के साथ इस WTC फाइनल में सबसे बड़ी समस्या एक यह भी रही है कि वो टी20 के जुनून से बाहर नहीं आ सके. खासकर टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में गलत शॉट सेलेक्शन किया और विकेट फेंककर चलते बने. कप्तान रोहित दूसरी पारी में स्वीप शॉट खेलकर आउट हुए, जबकि कोहली ने काफी बाहर की गेंद को छेड़ दिया और कैच आउट हो गए. पुजारा भी बाउंस बॉल को छेड़ बैठे और विकेटकीपर के ऊपर से मारने के चक्कर में कैच आउट हुए. भारतीय खिलाड़ियों के ऐसे कई शॉट गलत रहे.

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अश्विन को बाहर बैठाना

टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बॉलर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को इस खिताबी मुकाबले में नहीं खिलाया गया. कप्तान और कोच ने अश्विन को प्लेइंग-11 में मौका नहीं दिया. उनका यह फैसला शुरुआत से ही काफी सुर्खियों में रहा. सुनील गावस्कर समेत कई दिग्गजों ने इस फैसले की जमकर आलोचना की. यदि अश्विन को मौका दिया जाता, तो इस मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था. बता दें कि ओवल की पिच आखिरी के 3 दिनों में स्पिनर की मददगार दिख रही थी. 

पहली पारी में 1 विकेट लेने वाले स्पिनर रवींद्र जडेजा ने दूसरी पारी में 3 विकेट झटके थे. ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन को भी पहली पारी में 1 ही विकेट मिला था, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने भी फिरकी का कमाल दिखाया और 4 पड़े विकेट झटके थे.

ऑस्ट्रेलियाई टीम की जीत के बड़े कारण

भारतीय टीम की हार के साथ-साथ अब हमें ऑस्ट्रेलियाई टीम के जीत के भी कुछ बड़े कारण जान लेना चाहिए. ऐसा इसलिए WTC फाइनल देखकर साफ पता चलता है कि कंगारू टीम ने इस खिताबी मुकाबले के लिए कड़ी मेहनत की है. आइए जानते हैं कंगारू टीम की जीत के 3 बड़े कारण...

बड़े बल्लेबाजों के खिलाफ प्लानिंग से की बॉलिंग

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पैट कमिंस की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस खिताबी मुकाबले के लिए कड़ी मेहनत और पूरी तैयारी की थी. उन्होंने भारतीय टीम के बड़े बल्लेबाजों के खिलाफ पूरी प्लानिंग की थी. तभी तो वो दोनों पारियों में रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, शुभमन गिल और विराट कोहली को अपने जाल में फंसा सके. यह चारों प्लेयर दोनों पारियों में एक भी फिफ्टी नहीं लगा सके.

बैटिंग में बहुत अनुशासन दिखाया

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने गेंदबाजी के साथ बैटिंग में भी पूरा अनुशासन दिखाया. उन्होंने प्लानिंग के तहत शानदार बल्लेबाजी की. पहली ही पारी में 80 रनों के अंदर 3 विकेट गिरने के बाद स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने 285 रनों की पार्टनरशिप की थी. स्मिथ और हेड ने शतक भी जमाए. इसके बाद दूसरी पारी में कंगारू टीम ने कुछ आक्रामक रुख भी अपनाया.

टीम इंडिया पर लगातार दबाव बनाए रखा

यह कहना भी गलत नहीं होगा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भले ही टॉस नहीं जीता, मगर पहले बैटिंग करने के बावजूद टीम इंडिया पर शुरुआत से ही दबाव बनाए रखा. कंगारू टीम ने पहली पारी में 469 रन का स्कोर बनाकर अपनी आधी जीत सुनिश्चित कर ली थी. इसके बाद टीम इंडिया को पहली पारी में 296 रनों पर समेटकर बाकी काम कर दिया था.

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