
साउथ अफ्रीका दौरे से पहले टेस्ट सीरीज की दावेदार मानी जा रही भारतीय टीम को उलटफेर का शिकार होना पड़ा है. विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार हुई है. तीन टेस्ट की सीरीज का पहला टेस्ट भारतीय टीम ने 113 रनों के अंतर से जीता था, इसके बाद बाकी दो मैचों में 7-7 विकेट से करारी हार झेलना पड़ी. इसी के साथ भारतीय टीम ने सीरीज भी 1-2 से गंवा दी.
इस सीरीज का विलेन कौन है? यदि इस सवाल का जवाब ढूंढने जाएंगे, तो आपको एक-दो नहीं, बल्कि कई खिलाड़ी और कप्तान विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट खुद भी नजर आएंगे. खिलाड़ियों में आप पूरा ठीकरा चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और उनके बाद मयंक अग्रवाल पर फोड़ सकते हैं.
कप्तान और टीम मैनेजमेंट की क्या गलती?
अब पूछेंगे कि कप्तान और टीम मैनेजमेंट कैसे विलेन हैं, तो उसका जवाब है कि उन्होंने सीरीज से पहले भी लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे पुजारा और रहाणे को मौका दिया है. इन दोनों पर हद से ज्यादा ही भरोसा दिखाया. यही उनकी गलती भी है. सबसे पड़ी गलती है कि दूसरा टेस्ट हारने के बाद आखिरी और निर्णायक मैच में भी कोई बदलाव नहीं किया. इस टेस्ट में श्रेयस अय्यर या फिर दूसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले हनुमा विहारी को मौका देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया.
सीरीज में पुजारा-रहाणे सबसे बड़े विलेन
साउथ अफ्रीका सीरीज में यदि सबसे बड़े विलेन की बात करें, तो इसमें चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे का नाम सबसे पहले आता है. 6 पारियों में पुजारा-रहाणे ने सिर्फ 1-1 फिफ्टी लगाई है. पुजारा ने सीरीज की 6 पारियों में 20.66 की खराब औसत से सिर्फ 124 रन ही बनाए. जबकि रहाणे ने तीन टेस्ट की 6 पारियों में 22.66 की औसत से सिर्फ 136 रन बनाए. पुजारा की छह पारियों के बराबर रन तो केएल राहुल ने एक ही पारी में बना दिए थे. राहुल ने सीरीज के पहले ही टेस्ट में 123 रनों की पारी खेली थी.
तीसरे टेस्ट में कप्तान विराट कोहली के पास बैटिंग में बदलाव कर गलती सुधारने और मैच जीतने का मौका था, लेकिन यहां भी वे ओवर कॉन्फिंडेंस में ही दिखे. पुरानी टीम के साथ कोहली उतरे और जब केपटाउन टेस्ट की दूसरी पारी में बल्लेबाजों से रन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तभी पुजारा और रहाणे सस्ते में चलते बने.
सबसे बड़े विलेन में मयंक भी
केएल राहुल के साथ तीनों टेस्ट में ओपनिंग करने वाले मयंक अग्रवाल भी इस सीरीज में हार के विलेन मान सकते हैं. उन पर अच्छी शुरुआत देने की जिम्मेदारी थी, लेकिन वे एक पारी को छोड़कर पूरी सीरीज में फ्लॉप ही रहे. मयंक ने पहले टेस्ट में फिफ्टी लगाई थी, लेकिन इसके बाद बाकी पारियों में बुरी तरह फ्लॉप रहे. मयंक ने 6 पारियों में 22.50 की खराब औसत से सिर्फ 135 रन बनाए.