
एक बार फिर भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने से चूक गई है. भारतीय टीम अपने दक्षिण अफ्रीका के पिछले दो दौरों में एक बेहतरीन टीम के साथ मैदान में उतरी थी. कागज पर साल 2018 और साल 2021-22 के दोनों दौरों पर भारतीय टीम गेंदबाजी और बल्लेबाजी में दक्षिण अफ्रीका से काफी आगे थी. मैदान पर उतरते ही दोनों बार भारतीय टीम को 1-2 से सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है.
टीम इंडिया ने इस सीरीज के पहले टेस्ट जीत से शानदार शुरुआत की थी. उस वक्त लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में मात देने वाली यह टीम दक्षिण अफ्रीका में भी अपनी पहली सीरीज जीत दर्ज कर सकती है. दूसरे और तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने एक बार फिर 2018 वाली कहानी ही दोहराई. भारतीय टीम के पास सीरीज में आगे रहने के मौके हमेशा बने रहे, लेकिन अपनी गलतियों की वजह से टीम इंडिया ने उन मौकों को अपना हाथ से निकल जाने दिया.
कहां फिसली टीम इंडिया से सीरीज
जोहानिसबर्ग टेस्ट की दूसरी पारी में टीम इंडिया के लिए अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा ने एक शानदार 111 रनों की आक्रामक साझेदारी की थी. इस साझेदारी की बदौलत लग रहा था कि टीम इंडिया चौथी पारी में दक्षिण अफ्रीका को एक बड़ा लक्ष्य देगी, लेकिन रहाणे के आउट होते ही टीम इंडिया ने 4 ओवरों में 3 विकेट गंवा दिए.
विकेटकीपर ऋषभ पंत भी एक लापरवाही भरा शॉट खेलकर आउट हो गए थे. यह लापरवाही टीम इंडिया को जोहानिसबर्ग में काफी भारी पड़ी. तीन विकेट जल्दी गिरने से टीम इंडिया का स्कोर 155/2 से पंत के विकेट के बाद 167/5 हो गया था और यहीं से दक्षिण अफ्रीका के लिए सीरीज में वापसी की राह खुली.
दक्षिण अफ्रीका ने बदली रणनीति
दक्षिण अफ्रीका ने 240 रनों के लक्ष्य का पीछा एक बेहतरीन रणनीति के तहत किया. सेंचुरियन में टीम इंडिया के गेंदबाजों के सामने डिफेंसिव दिखी दक्षिण अफ्रीकी टीम जोहानिसबर्ग में इस टार्गेट को चेज करते वक्त बैलेंस अप्रोच के साथ उतरी थी, जिसका उन्हें फायदा भी मिला और डीन एल्गर की 188 गेंदों में खेली 96 रनों की पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली.
कप्तान डीन एल्गर ने अकेले पलटी सीरीज
कभी-कभी मैच का रुख या सीरीज की रुख बदलने के लिए एक स्पेल या एक पारी ही काफी होती है. टीम इंडिया के खिलाफ सीरीज से पहले लगातार सवालों के घेरे में रहने के बाद दक्षिण अफ्रीका के लिए जोहानिसबर्ग में जीत ऐसा ही एक पल था. कप्तान डीन एल्गर की पारी ने न सिर्फ दक्षिण अफ्रीका को सीरीज में बराबरी पर ले आए, बल्कि लगातार भारतीय टीम के पक्ष में हो रही बातों को भी बैलेंस कर दिया.
उस एक पारी ने पूरी दक्षिण अफ्रीका टीम के लिए केपटाउन टेस्ट में इससे और बेहतर प्रदर्शन का आत्मविश्वास जगा दिया था. केपटाउन टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका उसी अंदाज में सामना उतरी और एक बार फिर से चौथी पारी में 200 से ज्यादा का टार्गेट चेज कर लिया.
टीम इंडिया के लिए उसकी बल्लेबाजी एक बार फिर हार का कारण बनी. सेंचुरियन टेस्ट के पहले दिन के अलावा भारतीय बल्लेबाज पूरी तरह से शॉर्ट बॉल के सामने संघर्ष करते हुए नजर आए. गेंदबाजी 2018 दौरे की तरह ही धारदार दिखी, लेकिन एक बड़े स्कोर कमी जरूर खली. भारतीय टेस्ट टीम एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका में सिर्फ 1 टेस्ट में जीत से ही संतोष कर वापस जाएगी.