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फर्जी मार्कशीट मामला: DSP पद से हटाई जा सकती हैं हरमनप्रीत

भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की ग्रेजुएशन की मार्कशीट फर्जी पाई गई है.

हरमनप्रीत कौर हरमनप्रीत कौर
तरुण वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 10:45 PM IST

भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की ग्रेजुएशन की मार्कशीट फर्जी पाई गई है. इसके बाद उन पर कार्रवाई की जा सकती है. कौर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो सकता है और वह पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद से हटाई भी जा सकती हैं.

इसी साल 1 मार्च 2018 को हरमनप्रीत कौर ने पंजाब पुलिस में DSP का पद संभाला था. पंजाब पुलिस ने सत्यापन के लिए उनकी मार्कशीट मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी भेजी थी. जांच के बाद उनकी बीए फाइनल की मार्कशीट फर्जी पाई गई.

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सीसीएस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जीपी श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि हरमनप्रीत सिंह ने पंजाब पुलिस में जो बीए फाइनल साल 2011 की मार्कशीट दाखिल की थी, वह फर्जी है. उन्होंने बताया, 'जांच में पाया गया कि मार्कशीट में अंकित अनुक्रमांक और नामांकन संख्या हमारे रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है.'

इस बारे में हरमनप्रीत ने कहा, 'मैं नहीं जानती कि आपको यह सब किसने कहा. वैसे तो ऐसा कुछ नहीं है. मैं अपने डिपार्टमेंट में बात करने के बाद ही आपको कुछ बता पाऊंगी.'

हरमनप्रीत पंजाब पुलिस ज्वाइन करने से पहले पश्चिम रेलवे में कार्यरत थीं. वहां उनका 5 साल का बांड था. इसके बावजूद उन्होंने पिछले साल नौकरी से इस्तीफा दे दिया था.

पंजाब पुलिस में ज्वाइनिंग के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरमनप्रीत कौर की वर्दी पर सितारे लगाए थे. मुख्यमंत्री ने महिला वर्ल्ड कप 2017 में शानदार प्रदर्शन के बाद पिछले साल जुलाई में हरमनप्रीत को डीएसपी पद की पेशकश की थी.

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सवालों से बचती नजर आईं हरमनप्रीत

उधर, हरमनप्रीत कौर ने अपनी शैक्षणिक योग्यताओं से जुड़े आरोपों का मंगलवार को जवाब नहीं दिया. वह एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मोहाली आई थीं.

पत्रकार हरमनप्रीत की प्रतिक्रिया के इंतजार में उनकी वैनिटी वैन के बाहर खड़े थे, लेकिन स्टार क्रिकेटर एक घंटे से ज्यादा समय तक वैन से बाहर नहीं निकलीं.

आखिरकार हरमनप्रीत जब मीडिया से बात करने को राजी हुईं, तो उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.

पंजाब के मोगा की रहने वाली खिलाड़ी ने कहा, ‘मुझे इसके (विवाद) बारे में पता है, सरकार इस पर ध्यान दे रही है. मुझे सकारात्मक जवाब मिलने की उम्मीद है.’

हरमनप्रीत पहले भारतीय रेल में काम करती थीं, लेकिन उनके पंजाब पुलिस में काम करने का अनुरोध करने के बाद उन्हें इस साल की शुरुआत में सेवाओं से मुक्त कर दिया गया.

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