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टीम इंडिया के इस तेज गेंदबाज ने लिया संन्यास, रोहित से खास 'कनेक्शन'

आर विनय कुमार भारत की ओर से एक टेस्ट, 31 वनडे और 9 टी-20 मैच खेल चुके हैं. भारत की जर्सी में वह आखिरी बार नवंबर 2013 में मैदान पर उतरे थे.

R Vinay Kumar takes retirement R Vinay Kumar takes retirement
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST
  • आर विनय कुमार ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यान
  • विनय कुमार ने 2013 में खेला था आखिरी वनडे
  • साल 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ किया था डेब्यू

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज आर विनय कुमार ने अंतरराष्ट्रीय और फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. विनय कुमार भारत की ओर से एक टेस्ट, 31 वनडे और 9 टी-20 मैच खेल चुके हैं. टीम इंडिया की जर्सी में वह आखिरी बार नवंबर 2013 में मैदान पर उतरे थे.

अपने इस आखिरी वनडे मैच में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9 ओवरों में एक विकेट लेकर 102 रन चुकाए थे. बेंगलुरु में खेले गए उसी मैच में ओपनर रोहित शर्मा ने अपने वनडे करियर का पहला दोहरा शतक जड़ा था. रोहित शर्मा के दोहरे शतक की बदौलत भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को 57 रनों से हराने में कामयाब रही थी. 

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आर विनय कुमार ने 31 वनडे मैचों में 37.44 की औसत से 38 विकेट लिये. वहीं, 9 टी-20 में उन्होंने 24.70 की औसत से 10 विकेट चटकाए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले इकलौते टेस्ट मैच में उन्होंने 1 विकेट अपने नाम किया था. 

कर्नाटक के 37 साल के इस खिलाड़ी को भारतीय टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने का मौका मिला. विनय कुमार ने 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत के लिए वनडे फॉर्मेट में अपना डेब्यू किया था. उस मैच में रोहित शर्मा ने करियर का पहला शतक जड़ा था. उन्होंने 119 गेंदों में 114 रन बनाए थे. हालांकि जिम्बाब्वे ये मैच 6 विकेट से जीतने में सफल रहा था. 

उन्होंने बयान में कहा, ‘आज ‘दवंगेरे एक्सप्रेस’ 25 साल दौड़ने और क्रिकेटिया जिंदगी के इतने सारे स्टेशन पास करने के बाद उस स्टेशन पर आ गई है जिसे ‘संन्यास’ कहते हैं. इतनी सारी भावनाओं के साथ मैं, विनय कुमार आर, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा करता हूं.’

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उन्होंने ट्विटर पर अपने बयान में कहा, ‘यह फैसला करना आसान नहीं था, हालांकि हर खिलाड़ी की जिंदगी में ऐसा समय आता है जब उसे संन्यास लेना पड़ता है.’


 

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