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चैंपियंस ट्रॉफी में खेलेगा भारत, सोमवार को चुनी जाएगी टीम

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के 15 नाम आईसीसी को भेजने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल थी. भारत को छोड़कर बाकी सात देश अपनी टीम आईसीसी को भेज चुके हैं. इसका कारण बीसीसीआई और आईसीसी के बीच काफी दिनों से चलता आ रहा तनाव है.

मौजूदा चैंपियन टीम इंडिया मौजूदा चैंपियन टीम इंडिया
विश्व मोहन मिश्र
  • मुंबई,
  • 06 मई 2017,
  • अपडेटेड 10:55 PM IST

आखिरकार लंबे गतिरोध के बाद यह तय हो गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम खेलेगी. इसके लिए 8 मई को टीम इंडिया की घोषणा की जाएगी. विराट कोहली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टीम चयन बैठक से जुड़ेंगे. चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के 15 नाम आईसीसी को भेजने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल थी. भारत को छोड़कर बाकी सात देश अपनी टीम आईसीसी को भेज चुके हैं. इसका कारण बीसीसीआई और आईसीसी के बीच काफी दिनों से चला आ रहा तनाव है. आईसीसी ने एक नए वित्तीय मॉडल का प्रस्ताव रखा है. जिससे बीसीसीआई का राजस्व 570 मिलियन डॉलर से घटकर 293 मिलियन डॉलर रह जाएगा.

बीसीसीआई ने आईसीसी को धमकी भी दे डाली थी कि अगर आईसीसी भारत के हितों को ध्यान में नहीं रखता है, तो वह चैंपियंस ट्रॉफी से हट सकता है. आईसीसी का दूसरा सबसे बड़ा टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी का आगाज 1 जून से इंग्लैंड में होगा. भारत का पहला मैच 4 जून को पाकिस्तान से है.

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सीओए ने BCCI से शीघ्र टीम चुनने को कहा था
आईसीसी के साथ टकराव के रास्ते पर खड़ी बीसीसीआई को तब बड़ा झटका लगा था, जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने उसे चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम की घोषणा शीघ्र करने के निर्देश जारी कर दिेए थे. सीओए ने एसजीएम और टीम चयन को लेकर बीसीसीआई को एक ई-मेल किया था. सीओए ने बीसीसीआई से पूछा कि राजस्व मामले को लेकर एसजीएम की मीटिंग 7 मई को होनी है, लेकिन वह टीम के चयन के लिए इतना इंतजार क्यों ?

बिग थ्री फॉर्मूला रहा गतिरोध का बड़ा कारण
दरअसल, बीसीसीआई और आईसीसी के बीच बिग थ्री फॉर्मूले को लेकर बहस छिड़ी थी. इस मुद्दे को लेकर दोनों बोर्ड के अधिकारियों के बीच कई बार बहस और बातचीत हुई, पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया. ’बिग थ्री’ फॉर्मूले के तहत भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को आईसीसी के राजस्व का बड़ा हिस्सा मिलता है. इस मॉडल का समर्थन करने के लिए एक तिहाई सदस्यों की आवश्यकता होती है.  आईसीसी अध्यक्ष शशांक मनोहर बीसीसीआई से पहले ही कह रहे थे कि बीच का रास्ता मान जाओ नहीं, तो परिणाम 1-9 जैसा हो सकता है. 1-9 का मतलब है कि क्रिकेट के 10 शीर्ष बोर्डों में से 9 बोर्ड भारतीय बोर्ड के खिलाफ एक हो जाएंगे और ऐसा ही हुआ.

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आईसीसी की इस पहल से मुद्दा गरमाया
आईसीसी ने नए नियमों के अनुसार किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में होने वाली कमाई में भारत की हिस्सेदारी के साथ-साथ उसकी आधिकारिक ताकत को सीमित करने का फैसला लिया है. इसी वजह से बीसीसीआई 1 से 18 जून तक होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से हटना चाह रहा था. बीसीसीआई ने डेड लाइन निकल जाने के बाद भी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम का चयन तक नहीं किया.

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