
भारत ने एशिया कप 2022 में अपने मिशन की शुरुआत भले ही जीत के साथ की हो और पहले मैच में ही पाकिस्तान को मात दे दी हो. लेकिन उसकी चिंताएं अभी भी कम नहीं हुई हैं, क्योंकि पहले मैच में कई ऐसी कमियां थीं जो उबर कर सामने आई हैं. ऐसे में भारत को अगर एशिया कप जीतना है, या टी-20 वर्ल्डकप के मिशन को सही पटरी पर लाना है, तब उन्हें इन दिक्कतों को सुधारना होगा.
सीनियर्स ही बन रहे ‘विलेन’
रोहित शर्मा के कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया ने टी-20 खेलने के तरीके में कुछ बदलाव किया है. अब भारत सिर्फ अटैकिंग क्रिकेट खेल रहा है, लेकिन इस रणनीति में जो सबसे कमज़ोर कड़ी साबित हो रहे हैं वह टीम इंडिया के सीनियर प्लेयर ही हैं. यानी रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली, तीनों की टी-20 क्रिकेट में बुरी फॉर्म चल रही है.
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पाकिस्तान के खिलाफ भी तीनों ही प्लेयर सबसे बड़े विलेन बने और सिर्फ 53 के स्कोर पर भारत के टॉप-3 बल्लेबाज पवेलियन वापस लौट गए थे. एक वक्त पर भारत की बल्लेबाजी पूरी तरह से टॉप-3 पर निर्भर रहती थी, उसके बाद मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज आते ही धुआंधार बैटिंग कर सकते थे.
लेकिन अब टॉप-3 भारत की मुश्किलें बढ़ा रहा है, ऐसे में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज पारी संभालने के साथ-साथ रनों की रफ्तार बढ़ाने पर भी फोकस करने में जुटा है. यही कारण है कि सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक जैसे बल्लेबाजों की जिम्मेदारी बढ़ गई है.
तीनों बल्लेबाजों की टी-20 में पिछली पांच पारियां:
• रोहित शर्मा: 12, 33, 11*, 0, 64
• विराट कोहली: 35, 11, 1, 52, 17
• केएल राहुल: 0, 65, 15, 54*, 50
खब्बू बल्लेबाज का ना होना भी टेंशन
पाकिस्तान के खिलाफ रोहित शर्मा ने ऋषभ पंत को बाहर बैठाकर हर किसी को हैरान कर दिया था. उनके फैसले की तारीफ भी हुई, लेकिन रणनीति पर सवाल भी उठे. क्योंकि अब टीम इंडिया के पास कोई खब्बू बल्लेबाज नहीं बचा था, ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा काम में आए और उन्हें नंबर-4 पर बल्लेबाजी के लिए भेजना पड़ा.
विरोधी टीम को मुश्किल में डालने के लिए बाएं-दाएं हाथ के बल्लेबाजों की जोड़ी अगर क्रीज़ पर हो, तो टीम का काम आसान होता है. लेकिन टीम इंडिया को यहां ऋषभ पंत की कमी ज़रूर खली.
बॉलिंग में क्या सब ठीक है?
पाकिस्तान के खिलाफ हुए मैच में भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पंड्या की जोड़ी ने कमाल कर दिया. दोनों ने कुल मिलाकर सात विकेट लिए, गजब तो ये हुआ कि भारत की ओर से सभी दस विकेट तेज़ गेंदबाज़ों ने ही लिए. हालांकि, स्पिनर उस दिन कोई कमाल नहीं कर पाए. युजवेंद्र चहल और रवींद्र जडेजा ने पाकिस्तान के खिलाफ 6 ओवर डाले, जिसमें बिना विकेट लिए 43 रन दिए.
ऐसे में टीम इंडिया को आगे की रणनीति पर विचार करना होगा, क्या हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ कप्तान रोहित शर्मा सीनियर प्लेयर रविचंद्रन अश्विन को खिलाने का रिस्क लेंगे.