
IND vs AUS Womens Final CWG 2022: इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में क्रिकेट इवेंट के फाइनल में भारतीय महिला टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच रोमांचक मुकाबला खेला गया. रविवार (7 अगस्त) को एजबेस्टन में खेले गए मैच में टीम इंडिया को 9 रनों से हार झेलनी पड़ी.
मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को 8 विकेट पर 161 रनों पर रोक दिया था. टीम के लिए बेथ मूनी ने ही 41 बॉल पर सबसे ज्यादा 61 रनों की पारी खेली. जवाब में भारतीय टीम 19.3 ओवरों में 152 रनों पर ही सिमट गई. टीम इंडिया के लिए कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 43 बॉल पर 65 रनों की शानदार पारी खेली, लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला सकीं.
इस हार के साथ भारतीय टीम को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. इस मैच में भारतीय टीम आसानी से जीत सकती थी, लेकिन तीन बड़ी गलतियों ने इस सहज मुकाबले को कठिन बना दिया और फिर लगातार बढ़ते दबाव के चलते टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी. आइए जानते हैं वह तीन बड़े कारण....
कमजोर साबित हुई गेंदबाजी रणनीति
भारतीय टीम ने गेंदबाजी में अच्छी शुरुआत की और 9 रनों पर ही पहला विकेट झटक लिया था. इस तरह दबाव के कारण पावरप्ले में कंगारू टीम 1 विकेट पर 43 रन ही बना सकी थी. मगर कप्तान हरमनप्रीत ने अगले 4 ओवरों में अलग तरह का एक्सपेरिमेंट किया. उन्होंने चारों ओवर चार अलग-अलग बॉलर से करवाए. इस तरह ऑस्ट्रेलियाई बैटर्स को क्रीज पर जमने का समय मिला और रन बनाने का मौका भी.
फिर 11वें ओवर में मेग लेनिंग रनआउट हो गईं. साथ ही 12वें ओवर में दीप्ति शर्मा ने एक बड़ी सफलता दिलाई थी. उन्होंने आक्रामक बैटर ताहिला मैक्ग्रा का बड़ा विकेट लिया था. इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत ने यहां भी एक बड़ी गलती की. उन्होंने दीप्ति का सही इस्तेमाल नहीं किया और उनके 4 ओवर तीन स्पेल में पूरे कराए गए. यहां ऑस्ट्रेलियाई टीम पर बढ़ते दबाव का फायदा उठाना चाहिए था.
हरमन के आउट होते ही पलटा मैच
162 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 22 रनों पर ही दो विकेट गंवा दिए थे. ओपनर स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा जल्दी पवेलियन लौट गईं. यहां से कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जेमिमा रोड्रिग्ज ने साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 96 रनों की बड़ी साझेदारी की. भारतीय टीम ने 14 ओवरों में 2 विकेट पर ही 112 रन बना दिए थे. यहां से जीत के लिए 36 बॉल पर सिर्फ 40 रनों की जरूरत थी.
मगर जेमिमा और हरमनप्रीत के आउट होते ही पूरी भारतीय टीम तिनकों की तरह बिखर गई. मिडिल ऑर्डर में ना पूजा वस्त्राकर चलीं और ना ही दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और राधा यादव. यदि कोई भी खिलाड़ी थोड़ा रुककर खेलता तो मैच का नतीजा कुछ और ही होता. किसी भी प्लेयर ने आत्मविश्वास नहीं दिखाया.
खराब बैटिंग, 34 रन बनाने में गंवाए 8 विकेट
जैसा कि ऊपर बताया है कि भारतीय टीम ने 22 रनों पर ही अपने दोनों ओपनर्स गंवा दिए थे. मगर यहां से टीम को कप्तान हरमन और जेमिमाह ने 96 रनों की साझेदारी कर संभाल लिया था. मगर सबसे बड़ी गलती मिडिल ऑर्डर और निचले क्रम में हुई. भारतीय टीम ने आखिरी 8 विकेट सिर्फ 34 रन बनाने में ही गंवा दिए. तीसरा विकेट 118 के स्कोर पर जेमिमा के रूप में गिरा था. इसके बाद खिलाड़ियों के आने और जाने की लय बन गई.
कोई भी प्लेयर क्रीज पर टिक नहीं सकीं. 118 के स्कोर पर तीसरा विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम 152 रनों पर आकर पूरी तरह ढेर हो गई. जबकि 3 बॉल बाकी रह गई थीं. इस तरह यह मैच 9 रनों से गंवा दिया. यदि कोई भी एक प्लेयर मिडिल ऑर्डर में मोर्चा संभाल लेता, तो यह मैच 3 बॉल बाकी रहते जीत भी सकते थे.