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IPL Mini Auction: अब आईपीएल में नहीं होंगे मिनी ऑक्शन? टीमों ने BCCI को दिया ये सुझाव

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की सभी 10 फ्रेंचाइजी मिनी ऑक्शन से ही खुश नहीं हैं. यही वजह है कि उन्होंने बीसीसीआई को एक प्रपोजल भेजा है, जिसमें कहा है कि मिनी ऑक्शन के अब कभी नहीं कराया जाए. उसकी जगह ड्राफ्ट फॉर्मेट लाना चाहिए. साथ ही हर तीन साल में ही मेगा ऑक्शन होना चाहिए...

IPL Auctions (@BCCI/IPL) IPL Auctions (@BCCI/IPL)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

IPL Mini Auction: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 के लिए हाल ही मिनी ऑक्शन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ. इसमें इतिहास की सबसे महंगी बोली भी लगी और एक नया रिकॉर्ड कायम हुआ. इंग्लैंड के स्टार ऑलराउंडर सैम कुरेन को पंजाब किंग्स ने 18.50 करोड़ रुपये में खरीदा है. अब सैम कुरेन आईपीएल इतिहास में सबसे महंगे बिकने वाले प्लेयर बन गए हैं.

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मगर इसी बीच खबर आ रही है कि आईपीएल की सभी 10 फ्रेंचाइजी मिनी ऑक्शन से ही खुश नहीं हैं. यही वजह है कि उन्होंने बीसीसीआई को एक प्रपोजल भेजा है, जिसमें कहा है कि मिनी ऑक्शन अब कभी नहीं कराया जाए. उसकी जगह ड्राफ्ट फॉर्मेट लाना चाहिए. साथ ही हर तीन साल में ही मेगा ऑक्शन होना चाहिए. यह दावा इंसाइडस्पोर्ट ने अपनी रिपोर्ट में किया है.

क्यों की जा रही मिनी ऑक्शन को हटाने की मांग?

सभी फ्रेंचाइजीज ने मिनी ऑक्शन को हटाने की मांग क्यों की? इसका बड़ा कारण खिलाड़ियों पर अधिक दांव लगना है. यानी मेगा ऑक्शन के मुकाबले मिनी नीलामी में खिलाड़ियों पर ज्यादा रुपये की बोली लगती है. इस बार भी ऐसा ही हुआ, जब सैम कुरेन 18.50 करोड़ में बिके. कैमरून ग्रीन को मुंबई इंडियंस ने 17.5 करोड़, बेन स्टोक्स को चेन्नई सुपर किंग्स ने 16.25 करोड़ और हैरी ब्रूक को सनराइजर्स हैदराबाद ने 13.25 करोड़ रुपये में खरीदा. 

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मिनी ऑक्शन में एक समय राजस्थान रॉयल्स ने हैरी ब्रूक के लिए 13 करोड़ रुपये तक की बोली लगा दी थी. तब उन्हें किसी ने नहीं बताया कि यदि यह बोली लगी, तो उनका पर्स एक ही खिलाड़ी को खरीदने में खाली हो जाएगा. जबकि हैदराबाद टीम भी हैरी ब्रूक को इतनी महंगी कीमत में खरीदकर खुश नहीं है.

बीसीसीआई से ड्राफ्ट फॉर्मेट लाने की मांग

यही वजह है कि सभी फ्रेंचाइजीज ने मिलकर अब बीसीसीआई से ड्राफ्ट फॉर्मेट लाने की मांग की है. यदि यह फॉर्मेट आता है, तो खिलाड़ियों की कीमत पहले ही तय हो जाएगी. इससे मिनी ऑक्शन में बजट बढ़ना रुक जाएगा. वैसे बता दें कि आईपीएल में हर तीन साल में मेगा ऑक्शन होता है. उस दौरान हर टीम को अधिकतम 4 खिलाड़ी रिटेन करना होता है. इसके अलावा बाकी प्लेयर्स नीलामी में खरीदे जाते हैं.

मिनी ऑक्शन बंद करने की मांग करने का दूसरा कारण ये भी है कि स्टार खिलाड़ियों के एजेंट अपने प्लेयर्स को मेगा ऑक्शन में लाना ही नहीं चाहते हैं. उनका मानना होता है कि मिनी ऑक्शन में ज्यादा पैसे मिलने के चांस होते हैं. ऐसे में एजेंट अपने बड़े प्लेयर्स को मिनी ऑक्शन में लाना पसंद करते हैं. अब देखना होगा कि बीसीसीआई इस प्रस्ताव पर क्या फैसला करता है.

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