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ईशान किशन ने टीम इंडिया के लिए ठोका दावा, क्या कट सकता है पंत का पत्ता

ऋषभ पंत की सबसे बड़ी कमजोरी उनका शॉट सेलेक्शन माना जाता है. पंत आते ही बड़े और लंबे शॉट लगाने के बारे में सोचते हैं. अगर पंत का यह खराब प्रदर्शन जारी रहा तो सेलेक्टर्स नए विकल्पों की तलाश कर सकती है.

Ishan Kishan Ishan Kishan
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

भारत के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ दूसरे अनऑफिसियल वनडे मैच में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का नमूना पेश करते हुए टीम इंडिया के लिए अपना दावा ठोका है. भारत ए की ओर से ईशान किशन ने तूफानी पारी खेली और सिर्फ 24 गेंदों पर 55 रन जड़ दिए. अपनी तूफानी पारी में ईशान किशन ने 229.17 की स्ट्राइक रेट से रन लूटे. किशन ने 5 चौके और 4 छक्के जमाए.

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भारतीय टीम मैनेजमेंट एमएस धोनी के बाद भविष्य के लिए विकेटकीपरों को तैयार कर रही है. फिलहाल ऋषभ पंत सेलेक्टर्स की पहली पसंद बने हुए हैं, लेकिन उनका हालिया प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. ऐसे में ईशान किशन ने सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. ईशान किशन की बेहतरीन फॉर्म ऋषभ पंत के लिए खतरा बन सकती है. ऋषभ पंत फिलहाल वेस्टइंडीज दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा हैं. इस दौरे पर टी-20 सीरीज में ऋषभ पंत के बल्ले से 69 रन आए थे, तो वहीं दो वनडे मैचों में वह सिर्फ 20 रन ही बना पाए थे.

टेस्ट सीरीज में तो ऋषभ पंत का प्रदर्शन और भी ज्यादा खराब है. बता दें कि ऋषभ पंत की सबसे बड़ी कमजोरी उनका शॉट सेलेक्शन माना जाता है. पंत आते ही बड़े और लंबे शॉट लगाने के बारे में सोचते हैं. वेस्टइंडीज दौरे पर भी वनडे सीरीज के दौरान उनको नंबर 4 पर मौका दिया गया था, लेकिन अपने खराब शॉट्स के चलते वह बड़ी पारियां नहीं खेल पाए.

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अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम को सिर्फ 22 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलने हैं और चयन समिति नए पैनल के लिए योजना तैयार करना चाहती है जो बीसीसीआई चुनावों के बाद कार्यभार संभालेगा. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘सफेद गेंद के क्रिकेट के लिए तीन पसंद ऋषभ पंत, संजू सैमसन और ईशान किशन हैं.’

ऋषभ पंत लगातार मिल रहे अहम मौकों को गंवा रहे हैं. ऋषभ पंत कई बार बेहूदा शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाते आ रहे हैं. पंत इंग्लैंड और वेल्स में खेले गए वर्ल्ड कप में भी ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहे थे. अगर पंत का यह खराब प्रदर्शन जारी रहा तो सेलेक्टर्स नए विकल्पों की तलाश कर सकती है.

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