
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने दिनेश कार्तिक द्वारा निदहास ट्रॉफी के फाइनल में लगाए गए छक्के से अपने छक्के की तुलना किए जाने पर बड़ा बयान दिया है.
मियांदाद ने सवाल किया कि इस मैच में पिच से बॉउंड्री लाइन की दूरी कितने मीटर की थी. आपको बता दें कि बांग्लादेश के खिलाफ निदहास ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया के अनुभवी खिलाड़ी दिनेश कार्तिक ने जो छक्का लगाया था, उसकी तुलना जावेद मियांदाद के उस छक्के से की गई, जो उन्होंने भारत के खिलाफ ही एशिया कप 1986 के फाइनल में चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर लगाया था.
मियांदाद ने कहा, 'आधुनिक क्रिकेट में आखिरी गेंद पर छक्का आज के क्रिकेट में असामान्य नहीं रहा. मेरे छक्के की तुलना हमेशा दूसरे बल्लेबाजों के साथ की जाती है, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि उन दिनों में आखिरी गेंद पर छक्का लगाना बहुत मुश्किल था. कोई बल्लेबाज इसके बारे में कभी सोच नहीं सकता.'
डेली ऑब्जर्वर के मुताबिक मियांदाद ने कहा, 'बॉलिंग तब बहुत मुश्किल थी और मैच में लड़ाई देखने की मिली, लेकिन अब टी -20 की शुरुआत के साथ, पॉवर हिटिंग बहुत आम हो गई है. अब एक ओवर में 30 रन बनाना भी संभव हो गया है.'
आखिरी बॉल पर कार्तिक का विजयी छक्का, मियांदाद का 32 साल पुराना जादू पड़ा फीका
उन्होंने कहा, 'मैं किसी कारण कार्तिक के खेल को नहीं देख पाया, लेकिन अखबारों में मैच के बारे में पढ़ा है. मैं कार्तिक को बधाई देता हूं क्योंकि बल्लेबाज को अंतिम गेंद पर छक्का लगाने के लिए बहुत आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है.'
मियांदाद ने कहा, 'मुझे गर्व है कि मेरे आखिरी गेंद के छक्के की तुलना की गई और मुझे प्रशंसकों द्वारा याद किया गया, मुझे खुशी है कि 30 से अधिक वर्षों के बाद भी लोग अभी भी मेरे छक्के के बारे में बात करते हैं.'
टीम इंडिया द्वारा निदहास ट्रॉफी के फाइनल में जीत क्रिकेट इतिहास में महज दूसरा मौका था, जब किसी टीम ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर किसी टूर्नामेंट का फाइनल जीता.
इससे पहले 1986 में जावेद मियांदाद ने शारजाह में भारत के खिलाफ यह कारनामा किया था और अब कार्तिक ने 32 साल बाद मियांदाद के उस बहुचर्चित छक्के को फीका कर दिखाया.