
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार तेज गेंदबाज रहीं झूलन गोस्वामी ने कहा कि व्यक्ति के सपने तो बदलते रहते हैं. पहले कुछ सपने होते हैं, फिर बाद में कुछ और ही हो जाते हैं. 40 साल की पूर्व स्टार प्लेयर झूलन ने महिला क्रिकेट के विकास को लेकर भी जमकर बात की. उन्होंने कहा कि महिला क्रिकेट के विकास के लिए जिले स्तर पर काम करना होगा.
झूलन गोस्वामी ने साहित्य आजतक के प्रोग्राम पर यह बात कही. अपने सपने को लेकर झूलन ने कहा कि सीनियर महिला टीम अब तक वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी है. यदि टीम यह खिताब जीत जाए, तो उनका सपना भी पूरा हो जाएगा.
महिला क्रिकेट के लिए जिले स्तर पर विकास जरूरी
झूलन गोस्वामी ने कहा, 'हमें महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर जाना होगा. महिलाओं को क्रिकेट के लिए दूर जाना होता है. आज की तारीख में कोई मुझसे कहे कि ढाई घंटे का सफर करके क्रिकेट खेलना है, तो मैं नहीं खेल पाऊंगी. मैंने 8-10 घंटे सफर करके क्रिकेट खेला है. इतना समय क्रिकेट में दें, तो बहुत कुछ बदल सकता है.'
उन्होंने कहा, 'जिस तरीके से महिला क्रिकेट का विकास हो रहा है. जिस तरीके से बीसीसीआई ने काम किया है. चाहे पूर्व क्रिकेटर्स की पेंशन का मामला हो. हर मामले में अच्छा काम हुआ है. हमें महिला क्रिकेट के विकास पर काम करना होगा. स्पोर्ट्स ऑनलाइन नहीं हो सकता.'
वर्ल्ड कप जीतना एक बड़ा सपना रहा है
इतने लंबे करियर में सिर्फ 12 टेस्ट मैच खेले. इस पर अफसोस होता है क्या? इसको लेकर झूलन ने कहा, 'हां, बिल्कुल होता है. जो टेस्ट का चैलेंज मिस किया. यह निराशाजनक रहा है. इतने वनडे और टी20 मैच खेले. जबकि टेस्ट 12 ही खेले. रेड बॉल डालने को जो मजा है. बतौर गेंदबाज मैंने यह मजा मिस किया है.'
आपका कोई सपना है, जो पूरा करना चाहेंगी या पूरा हो गया है? इस पर झूलन ने कहा, 'सपना तो बदलता रहता है. पहले टीम इंडिया के लिए खेलना सपना था. महिला टीम अब तक वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी. हालांकि हाल ही में अंडर-19 टीम ने वर्ल्ड कप जीता है. मगर सीनियर टीम वर्ल्ड कप जीत जाए, तो यह मेरे लिए सपना पूरा होने जैसा ही रहेगा.'