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भारत के पूर्व दिग्गज कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट में हितों के टकराव के दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने में शामिल अव्यवस्थाओं पर के बारे में बयान दिया है. कपिल देव को एक शिकायत पर बीसीसीआई के एथिक्स अधिकारी द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) प्रमुख के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कपिल देव पर एक से अधिक पद रखने का आरोप लगाया गया था.
मुंबई में एक प्रचार कार्यक्रम के मौके पर हितों के टकराव के बारे में कपिल देव ने मीडिया के साथ बातचीत की. कपिल देव ने कहा, 'क्या है हितों का टकराव. हितों का टकराव वो होता है अगर कोई परमानेंट जॉब हो. अगर आप को एक मीटिंग के लिए बुलाते हैं, तो आपके हितों का टकराव नहीं है.'
कपिल देव ने कहा, 'अगर आप पेरोल पर हो तो हितों का टकराव है. अगर आप मानद नौकरी करते हो एक मीटिंग के लिए तो फिर वो हितों का टकराव नहीं है.' आपको बता दें कि हाल ही में कपिल देव ने क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले शांता रंगास्वामी ने भी क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से इस्तीफा दिया था.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के तीनों सदस्यों को नोटिस भेजा था, जिसके एक दिन बाद ही शांता रंगास्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कपिल देव ने भी उन्हीं की राह पर चलते हुए इस्तीफा सौंप दिया था. सीएसी के तीसरे सदस्य अंशुमन गायकवाड़ हैं.
संजीव गुप्ता ने शिकायत की थी
मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने सितंबर में सीएसी के सदस्यों के खिलाफ शिकायत की थी. शिकायत में गुप्ता ने दावा किया था कि सीएसी के सदस्य कई भूमिकाएं एक साथ निभा रहे हैं.
गुप्ता ने कहा था कि कपिल देव इसलिए हितों का टकराव कर रहे हैं, क्योंकि वह कमेंटेटर हैं, फ्लडलाइट कंपनी के मालिक हैं और सीएससी के अलावा भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन के सदस्य भी हैं. वहीं, शांता रंगास्वामी भी भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन और सीएसी समेत कई भूमिकाओं का निर्वहन कर रही हैं.