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1983 World Cup: पूरे टूर्नामेंट में कपिल देव के हैंडबैग में थी शैंपेन की बोतल, पढ़िए किस्सा

कपिल देव ने बताया कि कैसे उन्होंने इंग्लैंड के दौरे पर पूरे टूर्नामेंट में अपने साथ शैंपेन की बोतल रखी थी. कपिल ने कहा, "1983 विश्व कप के दौरान मेरे हैंड बैग में शैंपेन की एक बोतल रहती थी. फाइनल के बाद मैंने उसे खोलने के बारे सोच रखा था, भले ही रिजल्ट कुछ भी आए. ये मेरी सोच थी." 

1983 का विश्व कप जीतने के बाद कपिल देव (फोटो-Getty Image) 1983 का विश्व कप जीतने के बाद कपिल देव (फोटो-Getty Image)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 26 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:58 AM IST
  • कपिल देव ने 1983 विश्व कप की यादें साझा कीं
  • हैंडबैग और शैंपेन की बोतल के बारे में किया खुलासा
  • पूर्व ऑलराउंडर कीर्ति आजाद ने विश्व कप के किस्से सुनाए

टीम इंडिया ने 25 जून 1983 को 38 साल पहले भारत को पहला विश्व कप (1983 World Cup) का खिताब दिलाया था. 25 जून 1983 को कपिल देव की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को हराकर इतिहास रचा था. इस जीत की यादें तत्कालीन टीम इंडिया के हीरोज ने 'आजतक' से साझा की. 

इस दौरान कपिल देव ने खुलासा किया कि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में अपने हैंडबैग में शैंपेन की बोतल रखी थी. वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई से बातचीत के दौरान 1983 विश्व कप में टीम इंडिया के कप्तान रहे कपिल देव ने अपनी सबसे पसंदीदा याद को भी साझा किया. 

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उन्होंने कहा कि 'मेरी पसंदीदा याद तब थी जब जेफ डूजन (वेस्टइंडीज के खिलाड़ी) आउट हो गए और वह जमीन पर गिर गए. जिमी अमरनाथ ने स्टंप उखाड़ने की कोशिश की लेकिन असफल रहे. मुझे लगता है कि यह मेरे लिए सबसे खास क्षण था क्योंकि वह 1983 विश्व कप का आखिरी विकेट था.' 

कपिल देव ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने इंग्लैंड के दौरे पर पूरे टूर्नामेंट में अपने साथ शैंपेन की बोतल रखी थी. कपिल ने कहा, "1983 विश्व कप के दौरान मेरे हैंड बैग में शैंपेन की एक बोतल रहती थी. फाइनल के बाद मैंने उसे खोलने के बारे सोच रखा था, भले ही रिजल्ट कुछ भी आए. ये मेरी सोच थी." 

1983 के दिग्गज

 
वहीं, पूर्व ऑलराउंडर कीर्ति आजाद ने कहा कि "जब वह दौरा शुरू हो रहा था तो मैंने (कपिल देव के) बैग में एक छोटी शैंपेन की बोतल देखी. मैंने उनसे कहा, इसे हमें दे दो. आप इसका क्या करेंगे? आप तो पीते नहीं हैं. लेकिन उन्होंने इसे अंत तक अपने पास रखा. बाद में देखा तो लॉर्ड्स की बालकनी पर वो बोतल खुली. हमने उनसे लेने की कोशिश की लेकिन उन्होंने नहीं दी. उन्हें (कपिल) शुरू से ही विश्वास था कि हम जीत सकते हैं."

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कीर्ति आजाद ने कहा कि भले ही भारत ने 1983 का विश्व कप जीता हो, लेकिन टूर्नामेंट की शुरुआत में केवल कप्तान कपिल देव को ही विश्वास था कि टीम आगे बढ़ सकती है. टूर्नामेंट की शुरुआत में भारत को कमतर माना जा रहा था लेकिन हमने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप जीत लिया. 

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